PM Modi rally: पीएम मोदी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एक रैली में कहा कि एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे। महाअघाड़ी की गाड़ी में न पहिए हैं न ब्रेक है। ड्राइविंग सीट पर बैठने के लिए अलग से सभी झगड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र ने मुझे हमेशा दिल खोलकर आशीर्वाद दिया है। इस बार भी विधानसभा चुनाव में महायुति की फिर सरकार बनाएं।
पीएम मोदी ने कहा कि जहां विभाजन की आग है, वहां जड़ में कांग्रेस का देशविरोधी राग है। कांग्रेस हमेशा देश को तोड़ने वाले षड्यंत्रों का हिस्सा रही है। इंदिरा जी के बाद राजीव गांधी जी आए, उनकी भी सोच और अप्रोच अपने खानदान से अलग नहीं थी। राजीव गांधी ने भी ओबीसी आरक्षण का खुलकर विरोध किया था। ये लोग जानते थे कि अगर एससी, एसटी और ओबीसी समाज सशक्त हो गया, तो उनकी राजनीति की दुकान का शटर गिर जाएगा। राजीव गांधी के बाद अब इस परिवार की चौथी पीढ़ी के युवराज भी इसी खतरनाक भावना के साथ काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस का एकमात्र एजेंडा है, किसी भी तरह SC/ST समाज की एकता को तोड़े, OBC समाज की एकता को चकनाचूर कर दें। कांग्रेस चाहती है कि SC समाज अलग-अलग जातियों में बिखरा रहे ताकि SC समाज की सामुहिक शक्ति कमजोर पड़ जाए। कांग्रेस OBC और ST समाज को भी अलग अलग जातियों में बाटनें की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि इसलिए मैं कहता हूं - एक हैं तो सेफ हैं। हमें एकजुट रहकर कांग्रेस के खतरनाक खेल को नाकाम करना है और विकास के रास्ते पर आगे बढ़ते रहना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजादी के समय कांग्रेस के समय बाबा साहेब अंबेडकर ने बहुत कोशिश की थी कि शोषितों-वंचितों को आरक्षण मिले। लेकिन नेहरू जी अड़े हुए थे कि किसी भी कीमत पर दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को आरक्षण नहीं दिया जाएगा। बहुत मुश्किल से बाबा साहेब दलितों और पिछड़ों के लिए आरक्षण का प्रावधान करा पाए। नेहरू जी के बाद इंदिरा जी आई, उन्होंने भी आरक्षण के खिलाफ ऐसा ही रवैया जारी रखा। उनका भी मकसद यही था कि किसी भी कीमत पर एससी, एसटी, ओबीसी को प्रतिनिधित्व न मिल पाए।
पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा ने हमेशा 'सबका साथ-सबका विकास' की नीयत से काम किया है। इस संकल्प का प्रमुख हिस्सा हमारा आदिवासी समाज भी है। ये वो समाज है, जिनका देश की आजादी में, देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। लेकिन कांग्रेस और उसके साथियों ने कभी आदिवासी गौरव, आदिवासी स्वाभिमान पर ध्यान नहीं दिया। आदिवासी विरासत को न्याय मिले, आदिवासी युवाओं के बेहतर भविष्य के काम में दशकों लग गए। उन्होंने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार आई, तब अलग आदिवासी मंत्रालय बना। तब पहली बार आदिवासी हितों को, इस समाज की अपेक्षाओं को महत्व मिला। हमारी सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा की जन्मजयंती पर 'जनजातीय गौरव दिवस' की शुरुआत की है। इसका मकसद यही है कि आदिवासी परंपरा को पहचान मिले। इस बार 15 नवंबर से अगले 1 वर्ष तक हम भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्मजयंती मनाएंगे।
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