नागपुर। RSS (Rashtriya Swayamsevak Sangh) के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को विजयादशमी समारोह के दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार का जिक्र कर उन्होंने एकजुट रहने का संदेश दिया। वह कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी के दौरान महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले को लेकर सीएम ममता बनर्जी पर बरस पड़े।
मोहन भागवत ने कहा, "कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में जो हुआ वह शर्मनाक है। लेकिन, यह कोई एक घटना नहीं है। हमें सतर्क रहना चाहिए। ऐसी घटनाएं नहीं होने देनी चाहिए। अपराधियों को बचाने की कोशिश की गई। जांच में देरी की गई। अपराध, राजनीति और जहरीली संस्कृति का गठजोड़ हमें बर्बाद कर रहा है।"
मोहन भागवत के भाषण की 10 बड़ी बातें
1- बांग्लादेश में अत्याचारी कट्टरपंथी प्रकृति मौजूद है। हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों के सिर पर खतरे की तलवार लटक रही है।
2- भागवत ने कहा, "बांग्लादेश में क्या हुआ? इसके कुछ तात्कालिक कारण हो सकते हैं, लेकिन जो लोग चिंतित हैं, वे इस पर चर्चा करेंगे। अराजकता के कारण हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार की परंपरा वहां दोहराई गई। पहली बार हिंदू एकजुट हुए और अपनी सुरक्षा के लिए सड़कों पर उतरे।"
3-"उन्हें पूरी दुनिया के हिंदुओं से मदद की जरूरत है। भारत सरकार उनकी मदद करे। कमजोर होना अपराध है। अगर हम कमजोर हैं तो अत्याचार को आमंत्रित कर रहे हैं। हम जहां भी हैं, हमें एकजुट और सशक्त होने की जरूरत है।"
4-'वसुधैव कुटुम्बकम' के सिद्धांत को दुनिया में स्वीकार किए जाने पर मोहन भागवत ने कहा, "भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा चरम पर है। देश मजबूत रणनीतिक स्थिति में है।"
5-भारत अब एक मजबूत और अधिक सम्मानित देश है। इसकी वैश्विक विश्वसनीयता बढ़ रही है।
6- देश सभी क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है। सामाजिक समझ विकसित हो रही है। कश्मीर जैसे क्षेत्रों में शांतिपूर्ण चुनाव हुए हैं। इससे भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है।
7- देश प्रगति कर रहा है। ऐसे में देश को बाधित और अस्थिर करने की साजिशें रची जा रही हैं। दुष्ट ताकतें भारत को प्रगति को पटरी से उतारने की कोशिश कर रही हैं। इनसे सावधान रहना होगा।
8- योग ग्लोबल ट्रेंड बन रहा है। इसके मूल सिद्धांत व्यापक लोकप्रियता प्राप्त कर रहे हैं। पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर भारत के वर्तमान दृष्टिकोण को दुनिया भर में अपनाया जा रहा है।
9-हमारा समाज बहुत बड़ा और विविधतापूर्ण है। कभी-कभी लोग विविधता को विभाजन के रूप में पेश करने का प्रयास करते हैं, ताकि लोगों को उत्तेजित किया जा सके। ऐसा माहौल बनाया जा सके, जिससे समाज का विश्वास खत्म हो जाए।
10- धर्म भारत का स्व है, न कि धर्म। हम कौन हैं? हम खुद को 'हिंदू' कहते हैं क्योंकि यह धर्म सार्वभौमिक है। यह सभी का है। हमने न तो इसे खोजा है और न ही किसी को दिया है, बल्कि केवल इसकी पहचान की है। इसलिए हम इसे हिंदू धर्म कहते हैं। यह मानवता का धर्म है।