महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने चुनावी राजनीति से संन्यास की घोषणा करके एक बार फिर सबको चौंका दिया है। जानें उन्होंने सन्यास लेने की क्या वजह बताई और उनका आगे का क्या प्लान है।
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP-SP) प्रमुख शरद पवार ने चुनावी राजनीति से संन्यास की घोषणा कर एक बार फिर से सबको चौंका दिया। मंगलवार को अपने पोते युगेंद्र पवार के चुनाव प्रचार के दौरान बारामती में आयोजित एक जनसभा में पवार ने कहा कि उनका अब कोई चुनाव लड़ने का इरादा नहीं है, क्योंकि उनका राज्यसभा कार्यकाल भी समाप्त होने वाला है।
शरद पवार ने कहा, "मैंने अब तक 14 चुनाव लड़े हैं। राज्यसभा का कार्यकाल खत्म होने के बाद मैं सोच रहा हूं कि मुझे अपने संसदीय पद से भी अलग हो जाना चाहिए। मैं लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूंगा और अब किसी भी चुनाव में हिस्सा नहीं लूंगा।" उन्होंने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि नई पीढ़ी को जिम्मेदारी सौंपी जाए।
तीन बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके पवार ने समाज सेवा जारी रखने का आश्वासन देते हुए कहा कि उन्हें लोगों की सेवा करने के लिए किसी पद की आवश्यकता नहीं है। "मैं सत्ता में नहीं हूं। मैं राज्यसभा में हूं और अभी मेरा कार्यकाल डेढ़ साल और है। मैं ग्रामीण और पिछड़े इलाकों, खासकर आदिवासी क्षेत्रों के लिए काम करता रहूंगा।"
शरद पवार का राज्यसभा कार्यकाल 2026 में समाप्त होगा। पवार ने अपने राजनीतिक सफर को याद करते हुए बताया कि करीब 30 साल पहले उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति पर ध्यान केंद्रित किया और राज्य की जिम्मेदारी अजित पवार को सौंपी थी। अब उनकी योजना है कि अगले 30 साल तक नई पीढ़ी राज्य की जिम्मेदारी संभाले।
बारामती में इस साल फिर से पवार परिवार की भीतरी प्रतिद्वंद्विता देखने को मिलेगी, जहां 7 बार के विधायक रहे अजित पवार का मुकाबला उनके भतीजे युगेंद्र पवार से होगा। इस हाई-प्रोफाइल सीट पर इस साल दूसरी बार पवार बनाम पवार मुकाबला देखने को मिलेगा, जब अजित पवार ने 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ मैदान में उतारा है।
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