मुंबई। बुधवार को मुंबई फेरी दुर्घटना में एक दंपति और उनके बच्चे की मौत हो गई। इस दुर्घटना में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 110 लोग घायल हो गए हैं। नासिक जिले के पिंपलगांव निवासी राकेश नाना अहेर अस्थमा के इलाज के लिए अपनी पत्नी और बेटे के साथ मुंबई आए थे। वे बुधवार शाम गेटवे ऑफ इंडिया से एलीफेंटा द्वीप के लिए फेरी पर सवार हुए, जो बाद में भारतीय नौसेना की स्पीड बोट से टकरा गई।
परीक्षण के दौरान "इंजन का नियंत्रण खो जाने" के बाद नौसेना की नाव अरब सागर में फेरी से टकरा गई। मृतकों में भारतीय नौसेना के कर्मी और मूल उपकरण निर्माता (OEM) के दो लोग शामिल हैं। घटना के वीडियो में स्पीडबोट को टेढ़े-मेढ़े तरीके से आगे बढ़ते हुए और फिर तेजी से बाएं मुड़ते हुए यात्री फेरी से टकराते हुए दिखाया गया है, जिसमें 110 लोग सवार थे।
महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी और उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। सामंत ने बताया, "पूरे मामले की जांच की जाएगी और उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई तकनीकी त्रुटि है तो ठीक है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति केवल मौज-मस्ती के लिए स्पीडबोट चला रहा था तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिवारों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से 2 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की। इस बीच, घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी मृतकों के परिवारों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 5 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की। साथ ही सीएम देवेंद्र फडणवीस ने जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है।
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