
पुणे। ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर (Puja Khedkar) ने पुणे के कलेक्टर सुहास दिवासे पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। सरकार द्वारा पूजा खेडकर की जांच कर रही है। उन पर आरोप है कि उन्होंने सिविल सेवा प्रवेश परीक्षा पास करने के लिए दृष्टि और मानसिक विकलांगता के बारे में झूठ बोला और फर्जी डॉक्यूमेंट लगाए।
23 साल की पूजा खेडकर को सोमवार दोपहर को महाराष्ट्र के वाशिम स्थित उनके पद से वापस बुला लिया गया। उन्हें पहले पुणे से वाशिम भेजा गया था। पूजा को उत्तराखंड स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी वापस लौटने का निर्देश दिया गया है। पिछले सप्ताह सरकार ने पूजा पर लगे आरोपों की जांच के लिए एक सदस्य वाली कमेटी गठित की थी।
पूजा खेडकर ने तीन महिला पुलिस अधिकारियों से दो घंटे की बात
इस बीच सूत्रों से जानकारी मिली है कि पूजा खेडकर ने रविवार को तीन महिला पुलिस अधिकारियों को अपने घर पर बुलाया था। उनसे कुछ जरूरी बातें शेयर करने की बात की गई थी। उन्होंने पुलिस अधिकारियों के साथ रविवार रात 11 बजे से 1 बजे तक बात की।
बता दें कि पिछले सप्ताह पुणे के कलेक्टर कार्यालय ने एक प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें खेडकर और दिवासे के ऑफिस के एक अज्ञात व्यक्ति के बीच व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट शामिल थे। खेडकर ने अपने ऑफिस और सरकारी कार के बारे में जानकारी मांगी थी। यह सुविधा ट्रेनी आईएएस अधिकारी को उपलब्ध नहीं होती है।
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पूजा खेडकर पर लगे हैं कई गंभीर आरोप
2023 बैच की आईएएस अधिकारी खेडकर पर कई आरोप लगे हैं। उनपर ओबीसी के क्रिमिलेयर कैटेगरी में होने के बाद भी खुद को गैर क्रिमिलेयर बताना, अपनी निजी कार पर लाल बत्ती लगाना, कार पर महाराष्ट्र सरकार लिखवाना और फर्जी विकलांगता सर्टिफिकेट देना शामिल है। सरकार इन आरोपों की जांच करा रही है। आरोप सही साबित हुए तो पूजा की नौकरी जा सकती है।
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