कोरोना वैक्सीनेशन के लिए मोदी सरकार का अगला प्लान, जानिए किस उम्र को मुफ्त टीके लगाने की चल रही तैयारी

भारत में 70 लाख लोगों को टीके लग चुके हैं। अब सभी राज्यों में फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी टीके लगने शुरू हो चुके हैं। सरकार देशभर में 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स मानकर चल रही हैं। हालांकि, अब तक 1 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स ने ही टीके के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 12, 2021 8:50 AM IST / Updated: Feb 12 2021, 05:25 PM IST

नई दिल्ली। कोरोना की वैक्सीन मुफ्त देने की अगली तैयारी केंद्र सरकार कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार 50 साल से ज्यादा उम्र के 27 करोड़ लोगों को भी कोरोना की वैक्सीन मुफ्त देने की तैयारी में है। खबर है कि सबकुछ ठीकठाक रहा तो इन्हें मार्च के मध्य में टीके लगने शुरू होंगे। हालांकि इसके पहले पीएम नरेंद्र मोदी इसी महीने सभी मुख्यमंत्रियों के साथ मीटिंग करेंगे, जिसके बाद रणनीति तैयार करेंगे। 

मीटिंग में यह तय करेगी सरकार
माना जा रहा है कि केंद्र सरकार यह जानेंगी कि वैक्सीनेशन का कितना खर्च केंद्र देगा और कितना राज्य देंगे। बता दें कि पहले 71 से ज्यादा उम्र के लोगों को टीका लगेगा या 50 के ऊपर के सभी लोगों को एक साथ लगेगा, इसकी रूपरेखा आखिरी दौर में है। हालांकि, अंतिम फैसला राज्यों से मिलने वाले सुझावों के बाद ही लिया जाएगा।

राज्य सरकारों को उठाना होगा ट्रांसपोर्टेशन और स्टोरेज खर्च
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बताया जा रहा है कि वैक्सीनेशन खरीद का पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाने के लिए राजी हो चुकी है, लेकिन वह चाहती है कि ट्रांसपोर्टेशन और स्टोरेज पर होने वाला खर्च राज्य सरकारें उठाएं। हालांकि पीएम की मीटिंग के बाद नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 आखिरी फैसला लेगा।

70 लाख लोगों को लग चुके हैं टीके
भारत में 70 लाख लोगों को टीके लग चुके हैं। अब सभी राज्यों में फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी टीके लगने शुरू हो चुके हैं। सरकार देशभर में 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स मानकर चल रही हैं। हालांकि, अब तक 1 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स ने ही टीके के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है।

कोरोना वैक्सीन के लिए घोषित है 35 हजार करोड़
एक फरवरी को पेश केंद्रीय बजट में वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपए घोषित हुए हैं। इस राशि से 46 करोड़ लोगों को वैक्सीन के दो-दो डोज मुफ्त दिए जा सकते हैं। अगर राज्य खर्च उठाने से इनकार करते हैं तो बजट में घोषित राशि को बढ़ाया भी जा सकता है। 

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