कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ गोलीबारी में जान गंवाने वाले कर्नल मनप्रीत सिंह के पार्थिव शरीर को पंजाब ले जाया गया। यहां जब कर्नल सिंह के 6 वर्षीय बेटे कबीर ने अपने पिता को रोते हुए अंतिम सलाम किया, तो वहां मौजूद हर शख्स की आंखें भींग गईं।
चंडीगढ़. जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ गोलीबारी में अपनी जान गंवाने वाले कर्नल मनप्रीत सिंह के पार्थिव शरीर को पंजाब ले जाया गया। यहां जब कर्नल सिंह के 6 वर्षीय बेटे कबीर ने अपने पिता को रोते हुए अंतिम सलाम किया, तो वहां मौजूद हर शख्स की आंखें भींग गईं। कर्नल सिंह को हजारों लोगों ने पहुंचकर श्रद्धांजलि दी।
अनंतनाग आतंकी मुठभेड़, कर्नल मनप्रीत सिंह के अंतिम संस्कार की इमोशनल कहानी
कर्नल मनप्रीत सिंह की 13 सितंबर को अनंतनाग में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान जान चली गई थी। कर्नल मनप्रीत सिंह का अंतिम संस्कार पंजाब के मोहाली के मुल्लांपुर गरीबदास में हुआ।
ऐसे ही दृश्य एनकाउंटर के दौरान जान गंवाने वाले अन्य जवानों के अंतिम संस्कार में भी देखने को मिले। पानीपत के मेजर आशीष धोंचक का पार्थिव शरीर सेना के वाहन से उनके पानीपत स्थित आवास पर लाया गया। जब उनकी अंतिम यात्रा निकली, तो एक किमी लंबी लाइन लगी देखी गई। बहन रास्ते भर सलामी देते हुए जा रही थी।
शुक्रवार को कर्नल मनप्रीत सिंह और मेजर आशीष धौंचक दोनों को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए। मुल्लांपुर में कर्नल मनप्रीत सिंह के आवास पर शोक मनाने वालों का तांता लगा रहा। तीसरी पीढ़ी के सैनिक कर्नल सिंह अपने पीछे मां, पत्नी, दो साल की बेटी और छह साल का बेटा छोड़ गए हैं। मेजर धौंचक के परिवार में उनकी पत्नी, दो साल की बेटी और तीन बहनें हैं।
अनंतनाग आतंकी हमला कब हुआ?
कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकेरनाग इलाके में मुठभेड़ 12 सितंबर शाम शुरू हुई थी। हालांकि तब रात होने से ऑपरेशन रोक दिया गया था। अगली सुबह जब फिर से तलाशी अभियान शुरू किया गया, तो आतंकियों ने घने जंगल में घात लगाकर हमला कर दिया था। इसमें19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धौंचक, जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट और एक जवान को जान गंवानी पड़ी।
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