जानिए क्यों पंजाब सरकार ने लिया इतना बड़ा फैसला? सरकारी दफ्तर सुबह 7:30 से 2 बजे तक खुलेंगे

पंजाब की भगवंत मान सरकार ने शनिवार को एक बड़ा फैसला लिया। मई महीने से पंजाब के सरकारी दफ्तरों के खुलने और बंद होने की टाइमिंग बदली गई है। कार्यालय सुबह 7:30 बजे खुल जाएंगे। आफिस का काम काज दोपहर दो बजे तक चलेगा।

Contributor Asianet | Published : Apr 8, 2023 6:02 PM IST / Updated: Apr 08 2023, 11:36 PM IST

चंडीगढ़। पंजाब की भगवंत मान सरकार ने शनिवार को एक बड़ा फैसला लिया। मई महीने से पंजाब के सरकारी दफ्तरों के खुलने और बंद होने की टाइमिंग बदली गई है। कार्यालय सुबह 7:30 बजे खुल जाएंगे। आफिस का काम काज दोपहर दो बजे तक चलेगा। वर्तमान में राज्य में सरकारी कार्यालयों में काम काज का समय सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक है।

 

 

2 मई से लागू होगा फैसला

सीएम भगवंत मान ने एक वीडियो संदेश जारी कर यह ऐलान किया है। फैसला किया गया है कि दो मई से सभी सरकारी कार्यालयों में काम काज का समय सुबह 7:30 बजे से दोपहर 2 बजे तक रहेगा। सरकारी दफ्तरों के खुलने और बंद होने का यह नया शिड्यूल 15 जुलाई तक लागू किया गया है।

सरकारी कार्यालयों का शिड्यूल बदलने की बताई ये वजह

सीएम मान ने कहा है कि सरकार ने इस सिलसिले में राज्य कर्मचारियों के अलावा अन्य लोगों से भी चर्चा की। उसके बाद यह निर्णय लिया गया है। गर्मियों के समय में कार्यालय का समय बदलने से बिजली की बचत होगी। सीएम ने जारी किए गए वीडियो पोस्ट में कहा है कि पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के अनुसार, बिजली का पीक लोड दोपहर 1:30 बजे के बाद शुरू होता है। इसलिए यदि सरकारी दफ्तर अपराह्न दो बजे बंद ​किए जाते हैं तो इसका सीधा असर बिजली की मांग पर पड़ेगा। सरकारी कार्यालयों के दोपहर 2 बजे बंद होने की वजह से 300 से 350 मेगावाट बिजली की मांग कम करने में मदद मिलेगी। उनका कहना है कि वह खुद सुबह 7:30 बजे अपने दफ्तर पहुंचेंगे।

सीएम ने कर्मचारियों व आम लोगों को फायदे बताएं

भगवंत मान ने कहा कि सरकार के इस फैसले से आम लोगों को भी फायदा मिलेगा। आम लोग गर्मी के दिनों में सुबह सुबह ही सरकारी कार्यालयों से जुड़े अपने काम निपटा सकेंगे। आम लोगों को अपने अन्य कामों से छुट्टी लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, वह लोग सुबह के वक्त ही अपने जरुरी काम निपटा सकेंगे। कर्मचारियों का फायदा बताते हुए मान ने कहा कि इससे उनको सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल होने का मौका मिलेगा और वह अपने बच्चों के साथ ज्यादा समय व्यतीत कर सकेंगे।

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