किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल को आमरण अनशन शुरू करने से पहले पंजाब पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पंजाब पुलिस उन्हें अस्पताल ले गई। किसान मजदूर मोर्चा ने इसे पंजाब, केंद्र और हरियाणा का संयुक्त ऑपरेशन बताया और दल्लेवाल की रिहाई की मांग की।
संगरूर। संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक जगजीत सिंह दल्लेवाल को पंजाब के संगरूर में खनौरी सीमा पर अपना आमरण अनशन शुरू करने से कुछ घंटे पहले, मंगलवार को पंजाब पुलिस उठाकर ले गई। पंजाब पुलिस उन्हें जेल में बंद करने के लिए नहीं बल्कि हॉस्पिटल में भर्ती करवाने के लिए ले गई थी। जहां पर उनकी सेहत की फिलहाल जांच की जा रही है।
दरअसल इस महीने की शुरुआत में 70 साल के जगजीत सिंह दल्लेवाल ने घोषणा की थी कि वह कानूनी गारंटी के रूप में एमएसपी की मांगों को लागू कराने के लिए किसानों के विरोध की चौथी वर्षगांठ पर 26 नवंबर से आमरण अनशन पर बैठेंगे। 2020 में किसानों ने अब ख़त्म हो चुके कृषि कानूनों के विरोध में 26 नवंबर को दिल्ली की ओर मार्च करना शुरू कर दिया था। वहीं, इन सबके बीच किसान मजूदर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर इस बात का दावा करते हुए दिखाई दिए कि पंजाब, केंद्र औऱ हरियाणा ने एक मिलकर ऑपरेशन चलाया और जगजीत सिंह की ट्रॉली तोड़कर उन्हें ले गए। उन्हें तुरंत ही रिहा किया जाना चाहिए। सरकार को लोगों को भड़काना नहीं चाहिए।
इसके अलावा आगे सरवन सिंह पंधेर ने अपनी बात में कहा, 'हम लोगों से अपील करते हैं कि वे आज के कार्यक्रम के लिए खनौरी बॉर्डर पर पहुंचे और 6 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर कूच करने का हमारा कार्यक्रम भी जारी रहेगा। हम सरकार की इन हरकतों से डरने वाले नहीं हैं। एमएसपी कानूनी गारंटी, किसान कर्ज माफी आदि जैसी कई मांगें हैं, जब तक ये मांगें पूरी नहीं होतीं, हमारा विरोध जारी रहेगा...'
भारती किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के अमरीक सिंह ने एक मीडिया हाउस को बताया कि पुलिसकर्मी रात 2.30 बजे खनौरी सीमा पर आए और उन्होंने उस अस्थायी कमरे की फाइबरग्लास की दीवार तोड़ दी, जिसमें दल्लेवाल जी सो रहे थे और उन्हें एक अज्ञात स्थान पर ले गए। चूंकि उन्होंने दरवाजा खोलने से इनकार कर दिया था, इसलिए उन्होंने राजमार्ग पर बनी अस्थायी झोपड़ी की दीवार तोड़ दी, जहां वह सोते थे। ”
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