पंजाब पुलिस और यूपी पुलिस ने मिलकर पीलीभीत में सर्च ऑपरेशन चलकर खालिस्तान के 3 आतंकवादियों को मार गिराया। इस ऑपरेशन की कमान यूपी के पीलीभीत के एसपी अविनाश पांडे संभालते हुए नजर आएं। आइए जानते हैं उनके बारे में खास बाते यहां।
पंजाब। 23 दिसंबर की सुबह एक बड़े एनकाउंटर की खबर सामने आई। पंजाब पुलिस और यूपी पुलिस ने मिलकर पीलीभीत में सर्च ऑपरेशन चलाकर खालिस्तान के 3 आतंकवादियों को मार गिराया। इस ऑपरेशन की कमान यूपी के पीलीभीत के एसपी अविनाश पांडे संभालते हुए नजर आए। इन तीनों आतंकवादियों की तलाश पुलिस को तब से थी जब से उन्होंने पंजाब के गुरदासपुर में पुलिस चौकी पर ग्रेनेड बम से हमला किया था। पुलिस इन तीनों की तलाश करने में जुटी हुई थी। अब जाकर इन तीनों आतंकवादियों को ढेर किया गया है।
इस एनकाउंटर में पीलीभीत के पुलिस अधीक्षक अविनाश पांडे, एसआई अमित प्रताप सिंह, इंस्पेक्टर नरेश त्यागी, एसएचओ पूरनपुर, एसआई ललित कुमार, हेड कांस्टेबल जगवीर, माधोटांडा के एसएचओ अशोक पाल, कांस्टेबल सुमित, हितेश, इंस्पेक्टर केबी सिंह और एस आई सुनील शर्मा शामिल रहे। बाकी इसमें पंजाब पुलिस की टीम भी शामिल थी। आइए जानते हैं इस एनकाउंटर को अंजाम देने वाले अविनाश पांडे के बारे में यहां।
दरअसल अविनाश पांडे इस वक्त पीलीभीत के एसपी हैं। वो मूलरूप से लखीमपुर खीरी से ताल्लुक रखते हैं। 3 फरवरी 1988 में उनका जन्म हुआ था। वो 2015 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। अपनी ड्यूटी के वक्त वो कानपुर, बरेली, मेरठ और मैनपुरी में भी तैनात रह चुके हैं। इनकम टैक्स विभाग में इंस्पेक्टर और डाक विभाग में लिपिक पद पर भी वो काम कर चुके हैं। जानकारी के लिए बता दें कि 19 दिसंबर के दिन पंजाब के गुरदासपुर के सरहदी कस्बा कलानौर थाने की चौकी बक्शीवाल में ग्रेनेड से हमला हुआ था। इसकी जिम्मेदारी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने ली थी।
इस एनकाउंटर के बारे में बात करते हुए पंजाब पुलिस ने कहा है कि ये तीनों खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के पाकिस्तान प्रायोजित मॉड्यूल का हिस्सा थे। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "यह आतंकी मॉड्यूल पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में पुलिस प्रतिष्ठानों पर ग्रेनेड हमलों में शामिल है। यह मुठभेड़ पीलीभीत और पंजाब की संयुक्त पुलिस टीमों के बीच पीएस पूरनपुर, पीलीभीत के अधिकार क्षेत्र में हुई है और मॉड्यूल के तीन सदस्य इसमें शामिल हैं। पूरे आतंकी मॉड्यूल का खुलासा करने के लिए जांच जारी है।'' उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने एक चैनल को बताया कि यह एक "साहसी" काम था जोकि उत्तर प्रदेश और पंजाब पुलिस के बीच कॉर्डिनेशन का एक अच्छा उदाहरण पेश करता है।
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