नवजोत सिंह सिद्धू 10 महीने बाद जेल से रिहा: बाहर आते ही सिर झुकाकर किया प्रणाम, बज रहे ढोल-नगाड़े

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की रिहाई हो गई है। वह 217 दिन बाद पटियाला जेल से बाहर आए। इस दौरान बहार उनके समर्थकों ने ढोल नगांड़ों से अपने गुरू का स्वागत किया। उन्होंने पटियाला में हुए रोडरेज केस में एक साल की सजा काटी है।

पटियाला. पंजाब कांग्रेस के पूर्व चीफ और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू आज 1 अप्रैल को पटियाला सेंट्रल जेल से रिहा हो गए। पूरे 317 दिन बाद वह जेल में सजा पूरी करने के बाद बाहर आए। इस दौरान सिद्धू के बाहर निकलने पर समर्थकों ने पूरे जोश से उनका स्वागत किया। सुबह से ही घर और जेल के बाहर ढोल-नगाड़े बजते हुए दिखाई दिए।

सिद्धू के जेल से बाहर आने के निकले दोनों शुभ मूहूर्त

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बता दें कि सिद्धू के जेल से बाहर आने के लिए परिवार ने उन्हें दो उन्हें दो शुभ मूहूर्त दिए गए थे। पहला सुबह 11 बजे और फिर 3 बजे का मूहूर्त रखा था। लेकिन रिहाई में देरी होती गई। क्योंकि कागदी कार्रवाई में ज्यादा समय लग गया। अब कहीं जाकर शाम 6 बजे उन्हें रिहा किया गया है। इस पूरे मामले में हुई देरी को लेकर उनके बेटे करण सिद्धू ने जेल प्रशासन पर आरोप लगाया था कि कागजी कार्रवाई के नाम पर उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है।

जेल से बाहर आते ही सिद्धू किया हमला

जेल से बाहर आते ही नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने विरोधियों पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अभी लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है। पंजाब में राष्ट्रपति शासन लाने की साजिश में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। साथ ही कहा कि अगर किसी ने पंजाब को कमजोर करने की कोशिश की तो वह कमजोर हो जाएगा।

जेल से बाहर आते ही सिद्धू ने किया प्रणाम

बता दें कि सिद्धू के स्वागत में रिहाई की खुशी में उनके समर्थक पटियाला जेल के बाहर ढोल बजा रहे हैं। वीडियो में आप साफ तौर पर यह नजारा देख सकते हैं। जेल से बाहर आते ही सिद्धू ने पहले सिर झुकाकर अपने समर्थकों और जनता को प्रणाम किया। इस दौरान उन्होंने हाथ में किताब पकड़ रखी थी।

 

 

35 साल पुराने मामले में हुई थी एक साल की सजा

बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू को 35 साल पुराने 1988 के रोड रेज केस में पिछले साल 19 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने 1 साल की सजा सुनाई थी। जहां वह पटियाला की सेंट्रल जेल में दस महीने से सजा काट रहे थे। सिद्धू को वैसे 19 मई यानी 48 दिन बाद रिहा किया जाना था, लेकिन कोई छुट‌्टी न लेने की वजह से उन्हें यह बेनिफिट मिला है। जिस वजह से उनकी रिहाई जल्दी की गई है।

एक हत्या के आरोप में जेल गए थे सिद्धू

बता दें कि यह पूरा मामला पटियाला निवासी 65 वर्षीय गुरनाम सिंह से जुड़ा हुआ है। सिद्धू का गुरनाम सिंह से पार्किंग स्थल को लेकर विवाद हो गया था। बताया जाता है कि सिद्धू ने अपनी कार से बुजुर्ग को टक्कर मार दी थी। जिसमें वह गंभीर रुप से घायल हो गया और बाद में एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी। इसके बाद एक चश्मदीद ने गुरनाम सिंह की सिर पर वार कर हत्या करने का आरोप लगाया था। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल मई में मृतक के परिवार की याचिका के बाद सिद्धू को एक साल के सख्त कारावास की सजा सुनाई थी।

यह भी पढ़ें-सिद्धू को नहीं पता था कि 1988 की एक गलती उन्हें इतनी बड़ी सजा देगी, कैंसर से धीरे-धीरे मर रही हमसफर, पढ़िए 14 बड़ी बातें

 

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