अमृतपाल सिंह को जैसा समझा जा रहा था, वो वैसा बिलकुल नहीं निकला। खुफिया एजेंसियों(intelligence agencies) के इनपुट के अनुसार, खालिस्तानी समर्थक और वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने अपनी पत्नी किरणदीप कौर को कैद में रखा था।
नई दिल्ली. खालिस्तान की आड़ में भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले कट्टरपंथी उपदेशक(radical preacher Amritpal Singh) अमृतपाल सिंह को जैसा समझा जा रहा था, वो वैसा बिलकुल नहीं निकला। खुफिया एजेंसियों(intelligence agencies) के इनपुट के अनुसार, खालिस्तानी समर्थक और वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने अपनी पत्नी किरणदीप कौर को कैद में रखा था। वो उसे रेग्युलर पीटता था। कई अन्य महिलाओं के साथ उसके रिलेशन थे।
1. देश में खालिस्तान की आड़ में आग लगाने की साजिश रच रहे अमृतपाल को लेकर एक के बाद एक नए चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। 18 मार्च को वारिस पंजाब दे के खिलाफ शुरू हुए एक्शन के बाद से अमृतपाल सिंह गायब है। पहले आशंका जताई गई थी कि वो उत्तराखंड भाग गया है। हालांकि अब कहा जा रहा है कि वो दिल्ली में छुपा हो सकता है।
2. केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमृतपाल सिंह एक ढोंगी है, जो सिख सिद्धांतों का पालन किए बिना दुबई में एक शानदार लाइफ स्टाइल जी रहा था। वह अमृतधारी सिख नहीं था।
3. जांच एजेंसियां इस बात की भी पड़ताल कर रही हैं कि अमृतपाल सिंह कई बार थाईलैंड क्यों गया, क्या वह वेश्यावृत्ति( prostitution) में लिप्त तो नहीं था? या उसकी थाईलैंड में कोई प्रेमिका थी और क्या वह थाईलैंड में दूसरी पत्नी का पालन-पोषण कर रहा था?
4. वारिस पंजाब दे ने महिलाओं को कोई प्रमुख भूमिका नहीं दी। दीप सिद्धू(सड़क हादसे में मौत) की प्रेमिका रीना रॉय को भी अपने पति से अमृतपाल के संबंध के बारे में खुलकर बात करने की अनुमति नहीं थी।
5. कहा जा रहा है कि अमृतपाल सिंह की पत्नी किरणदीप कौर को बंधक बनाकर रखा गया था। आए दिन उसके साथ मारपीट की जाती थी।
6.अमृतपाल सिंह ने अपनी शादी को रिवर्स माइग्रेशन का उदाहरण बताते हुए कहा था कि वह पंजाब में रहेंगे। जांच एजेंसियां अमृतपाल सिंह के संगठन के आधार पर भी सवाल उठा रही हैं और जवाब मांग रही हैं कि अगर यह वास्तव में ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई थी, तो कोई महिला आगे क्यों नहीं थी?
7. दरअसल, पंजाब में महिलाएं व्यापक रूप से फैली नशीली दवाओं के खतरे की सबसे बड़ी पीड़ित हैं। माना जा रहा है कि ड्रग्स के खिलाफ वास्तविक लड़ाई नहीं थी, बल्कि केवल एक दिखावा है।
8.अमृतपाल कभी अपने अतीत का जिक्र नहीं करता है। उसे अपने इमेज खराब होने का डर बना रहता है। वह दुबई में ड्रग डीलरों जसवंत सिंह रोडे के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ा हुआ था, जिसका भाई पाकिस्तान से काम कर रहा है।
9. इधर, पंजाब के खन्ना के एसएसपी अमनीत कौंडल ने इंडिया टुडे को दिए एक स्पेशल इंटरव्यू में दावा किया कि अमृतपाल सिंह आनंदपुर खालसा फौज के साथ अपनी खुद की सेना 'अमृतपाल टाइगर फोर्स' बना रहा था।
10. अमृतपाल सिंह ने खालिस्तान की करेंसी भी डिजाइन और प्रिंट की थी, जिसके लिए वह एक आंदोलन चला रहा था। डॉलर से कॉपी की गई करेंसी पर खालिस्तान का नक्शा भी छपा था। अमृतपाल सिंह के खालिस्तान में शामिल क्षेत्रों में कपूरथला, पटियाला और जींद शामिल हैं।
11. आनंदपुर खालसा फोर्स (एकेएफ) और अमृतपाल टाइगर फोर्स के सदस्यों को बेल्ट नाम के तहत एकेएफ नंबर उसी तरह दिए गए जैसे रेजिमेंट में सैनिकों को नंबर दिए जाते हैं। इन लोगों के हाथों पर एकेएफ का टैटू था।
12. एसएसपी ने कहा कि अमृतपाल टाइगर फोर्स में सिर्फ युवाओं की भर्ती की जानी थी। पुलिस को खुलासे की पुष्टि के लिए अमृतपाल के करीबी तेजिंदर उर्फ गोरखा बाबा के फोन से चैट और ऑडियो रिकॉर्डिंग समेत कई सबूत मिले हैं।
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