
Medical Mystery Unfolded: राजस्थान के भरतपुर से सामने आई एक चौंकाने वाली मेडिकल मिस्ट्री ने डॉक्टरों और समाज दोनों को झकझोर दिया है। एक 17 वर्षीय किशोरी जब तीन साल की थी, तभी उसमें मासिक धर्म के लक्षण दिखने लगे। मासूम उम्र में ऐसा बदलाव देखकर घरवालों में चिंता की लहर दौड़ गई, लेकिन डॉक्टरों को भी यह समझ नहीं आया कि यह किसी बड़ी बीमारी की शुरुआत है या कोई दुर्लभ केस।
परिवार ने बच्ची को कई बड़े अस्पतालों में दिखाया। आठ साल पहले एक सोनोग्राफी में उसकी ओवरी में गांठ देखी गई, जिसे ओवेरियन कैंसर समझते हुए एक ओवरी निकाल दी गई। लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद लड़की की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। उसका शारीरिक विकास रुक गया, वजन बढ़ना बंद हो गया और शरीर में सूजन बनी रही।
हाल ही में जब किशोरी को जयपुर के जेके लोन अस्पताल में भर्ती कराया गया, तब डॉक्टर प्रियांशु माथुर की टीम ने गहराई से जांच की। इसी दौरान थायराइड का एक सामान्य टेस्ट करवाया गया, जिसमें चौकाने वाली सच्चाई सामने आई। बच्ची को कैंसर नहीं, बल्कि एक बेहद दुर्लभ हार्मोनल विकार Van Wyk Grumbach Syndrome था। Van Wyk Grumbach Syndrome एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में थायराइड हार्मोन की कमी के कारण यौन अंगों का असामान्य विकास शुरू हो जाता है।
थायराइड की दवाएं शुरू होते ही चौथे दिन से बच्ची की हालत में सुधार दिखने लगा। सूजन कम हुई, वजन थोड़ा बढ़ा और मानसिक स्थिति भी स्थिर हुई। अब किशोरी का वजन 25 किलो और लंबाई 116 सेमी है, जो जल्द ही सुधार की दिशा में आगे बढ़ रही है।
हैरान कर देने वाली बात यह है कि इतने सालों तक देश के बड़े-बड़े अस्पतालों में इलाज के बावजूद एक बार भी उसका थायराइड टेस्ट नहीं किया गया। एक सामान्य टेस्ट ने 14 साल की पीड़ा का अंत किया।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राजस्थान सरकार ने जेके लोन अस्पताल को 'रेयर डिजीज सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' बनाने के लिए 22 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इसके साथ ही बाल संबल योजना के तहत 50 करोड़ रुपये का विशेष फंड भी जारी किया गया है।
राजस्थान की राजनीति, बजट निर्णयों, पर्यटन, शिक्षा-रोजगार और मौसम से जुड़ी सबसे जरूरी खबरें पढ़ें। जयपुर से लेकर जोधपुर और उदयपुर तक की ज़मीनी रिपोर्ट्स और ताज़ा अपडेट्स पाने के लिए Rajasthan News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — तेज़ और विश्वसनीय राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।