
Jaisalmer News : राजस्थान में सरकारी स्कूलों की लापरवाही अब जानलेवा रूप लेती जा रही है। 25 जुलाई शुक्रवार को झालावाड़ जिले में सरकारी स्कूल की इमारत गिरने से सात बच्चों की मौत हो गई थी। अब तीन दिन बाद जैसलमेर में भी एक ऐसा ही हादसा हुआ है, जहां स्कूल प्रशासन की गलती की वजह से एक बच्चे की जान चली गई।
दरअसल, यह मामला जैसलमेर के पूणमनगर गांव स्थित राजकीय बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का है, जहां सोमवार दोपहर करीब 1 बजे छुट्टी के बाद स्कूल का मुख्य गेट गिर गया, जिससे पहली कक्षा में पढ़ने वाले 9 वर्षीय छात्र अरबाज़ खान की मौके पर ही मौत हो गई।
परिजनों का आरोप है कि गेट कई महीनों से जर्जर था, फिर भी स्कूल प्रशासन ने उसकी मरम्मत नहीं कराई। जैसे ही छुट्टी के बाद बच्चे बाहर निकल रहे थे, पत्थर और लोहे से बना भारी गेट अचानक ढह गया, जिससे यह हादसा हुआ। परिजनों और ग्रामीणों ने शव के साथ स्कूल के बाहर धरना भी दिया और कार्रवाई की मांग की।
झालावाड़ में सरकारी स्कूल की बिल्डिंग गिरने से राजस्थान सरकार हरकत में आई और शिक्षा विभाग के लिए सख्त आदेश जारी किया। आदेश के मुताबिक, बिना पूर्व अनुमति कोई भी अधिकारी या कर्मचारी जिला मुख्यालय नहीं छोड़ सकेगा। साथ ही आदेश में साफ कहा गया कि छात्रों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसी को ध्यान में रखते हुए स्कूल भवनों का गहन निरीक्षण आवश्यक है। प्रदेश भर में स्कूल भवनों की स्थिति की जांच और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की छुट्टियों पर रोक लगाने जैसे फैसले लिए गए।
इन दोनों मामलों में एक बात साफ दिखती है, कि सरकारी स्कूलों में बल्डिंग के निरीक्षण को लेकर लापरवाही बरती जा है। चाहे वो झालावाड़ की जर्जर इमारत हो या जैसलमेर का कमजोर गेट, या फिर उदयपुर का स्कूल, सिस्टम की सुस्ती और जिम्मेदारी की कमी बच्चों की जान पर भारी पड़ रही है।
GIS टैगिंग और अफसरों की छुट्टियों पर रोक जैसे फैसले जरूरी हैं, लेकिन जब तक जमीनी स्तर पर स्कूल भवनों की मरम्मत और जवाबदेही तय नहीं होगी, तब तक ऐसे हादसे दोहराए जाते हैं। अरबाज़ की मौत और झालावाड़ की त्रासदी सिर्फ आंकड़े नहीं हैं, ये दोनों घटनाएं हमें आईना दिखा रही हैं कि शिक्षा के मंदिरों कीहालत कितनी कमजोर हो चुकी है।
राजस्थान की राजनीति, बजट निर्णयों, पर्यटन, शिक्षा-रोजगार और मौसम से जुड़ी सबसे जरूरी खबरें पढ़ें। जयपुर से लेकर जोधपुर और उदयपुर तक की ज़मीनी रिपोर्ट्स और ताज़ा अपडेट्स पाने के लिए Rajasthan News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — तेज़ और विश्वसनीय राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।