
अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की अजमेर स्थित दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करने वाले हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता पर शनिवार सुबह जानलेवा हमला हुआ। वे अजमेर से दिल्ली जा रहे थे, जब गगवाना लाडपुरा पुलिया के पास अज्ञात हमलावरों ने उनकी कार पर फायरिंग कर दी। गनीमत रही कि इस घटना में किसी को चोट नहीं आई। हमले की सूचना मिलते ही गेगल और सिविल लाइन थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई और मामले की जांच शुरू कर दी।
पहले मिल चुकी थी धमकी विष्णु गुप्ता ने घटना की जानकारी मीडिया को दी और अपनी कार पर गोलियों के निशान की तस्वीर भी साझा की। उन्होंने बताया कि उन्हें पहले भी कई बार जान से मारने की धमकी मिल चुकी है। कोर्ट में उन्होंने सुरक्षा का अनुरोध किया थाए जिसके चलते पिछली सुनवाई में केवल चुनिंदा लोगों को ही प्रवेश दिया गया था।
दरगाह पर शिव मंदिर का दावा गुप्ता ने अदालत में याचिका दायर कर दावा किया है कि जहां आज ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह हैए वहां पहले एक प्राचीन शिव मंदिर था। उन्होंने मंदिर के अस्तित्व का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण कराने की मांग की है। शुक्रवार को इस मामले में अजमेर की मनमोहन चंदेल की अदालत में सुनवाई हुई। गुप्ता ने 1961 में सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय का हवाला दिया, जिसमें दरगाह को पूजा स्थल न मानते हुए खादिमों के अधिकारों को खारिज किया गया था।
मुस्लिम समुदाय की प्रतिक्रिया गुप्ता की याचिका के बाद मुस्लिम धर्मगुरुओं और नेताओं ने नाराजगी जताई है। उन्होंने इसे देश की एकता और भाईचारे के खिलाफ बताया और इस तरह के विवादों पर रोक लगाने की मांग की। दरगाह का ऐतिहासिक महत्व ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को भारत में मुस्लिमों के सबसे पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है। यह दरगाह मुगल बादशाह हुमायूं ने बनवाई थी, जबकि अकबर और शाहजहां ने इसमें मस्जिदें बनवाईं। अब यह मामला कानूनी और धार्मिक विवाद का केंद्र बन चुका है।
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