बदले की कहानी: बचपन में रेप लेकिन दादी-नानी बनने तक रेपिस्ट के पीछे पड़ी रहीं

अजमेर गैंग रेप केस 1992 में पीड़ित दो महिलाओं, जो अब दादी बन चुकी हैं, ने 32 साल की लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार न्याय पा ही लिया। उन्होंने अपनी आपबीती और संघर्ष के बारे में बताया, कि कैसे उन्होंने सबूतों को संभाल कर रखा और पुलिस का साथ देती रहीं।

sourav kumar | Published : Aug 23, 2024 12:10 PM IST / Updated: Aug 23 2024, 06:38 PM IST

अजमेर गैंग रेप केस 1992 में 20 अगस्त 2024 को फैसला आया। कोर्ट ने 6 आरोपियों को उम्रकैद की सजा और सभी पर 5-5 लाख रु. का जुर्माना भी लगाया, लेकिन इस केस की कहानी भयानक डरावनी और हिम्मत देने वाली है। पूरे देश में राजस्थान को शर्मसार करने वाले अजमेर गैंग रेप केस 1992 की असली किरदार दो लड़कियां हैं, जिनकी उम्र करीब 55 साल हो चुकी है। शादी हुए करीब 28 साल हो चुके हैं। दोनों दादी-नानी बन चुकी हैं। 32 साल पहले हुए दुष्कर्म मामले में आरोपियों को सजा दिलाने के लिए महिलाओं ने अपना सब कुछ लुटा दिया, लेकिन अंत तक डटी रहीं। उनके परिवार उनके साथ रहे और जजमेंट डे पर वे अपने आंसू नहीं रोक सकीं।

दरअसल, राजस्थान के अजमेर जिले में 1992 में हुए गैंग रेप केस की कहानी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है। 250 लड़कियों का कई बार रेप हुआ। सभी स्टूडेंट थीं, जिनकी उम्र 17 साल से 20 साल के बीच में थीं। नहाने के दौरान फोटो लीक होने के बाद गैंगरेप का जो गंदा खेल शुरू हुआ, उसमें कई लड़कियों का जीवन बर्बाद हो गया। हालांकि, उन्हें आगे चलकर उद्योगपति,  नेता और अन्य बड़े लोगों से लड़ना पड़ा, जो पहाड़ से टकराने के समान था। लेकिन सभी डटी रहीं।

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पीड़ित लड़कियों ने दिखाई हिम्मत

पीड़ित पक्ष के वकील वीरेंद्र सिंह ने कहा कि पीड़ित लड़कियों की मदद से एक-एक सबूत को संभाल कर रखा गया। पुलिस के अलावा-  उन्होंने खुद की तरफ से 250 पेज के सबूत अलग से पेश किए, जिन्हें बाद में जांच में भी लिया गया। उन्होंने आगे कहा-"पिछले 30 से 32 साल में दोनों करीब 6 से 7 बार बयान देने आई। कभी उनके साथ उनके बच्चे होते थे,  तो कभी पति। कई बार कोर्ट में आकर रोने लगती,  लेकिन उन्हें भरोसा था इंसाफ होगा। 2 दिन पहले जब इस केस का पूरा परिणाम सामने आ गया तब दोनों महिलाएं यहां नहीं थी। लेकिन उन्हें सूचना दी गई तो फैसला सुनने के बाद उनकी आंखें नम हो गई।

अजमेर मामले में हुई कई गिरफ्तारियां

केस से जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूरे मामले में कई बार लोग अरेस्ट हुए और चार्ज शीट पेश की जाती रहीं। लेकिन जब भी नई गिरफ्तारी होती तो उसके बाद फिर से सब कुछ कानून के हिसाब से तैयार करना होता। ऐसे में भी दोनों पीड़िताएं अंत तक पुलिस का साथ देती रहीं। हर बार वे उस फार्म हाउस में जातीं,  जहां उनके साथ गलत काम हुआ था। मौका नक्शा बनवातीं और पुलिस के लगातार संपर्क में रहतीं। शुरुआत में कई सारी पीड़ित लड़कियां जुड़ी थी। लेकिन शादी होने और परिवार बढ़ने के बाद उन्होंने दूरी बनाना शुरू कर दिया।  हालांकि सभी की जानकारी जांचकर्ताओं के पास थी। इसलिए इस केस का अंत हो सका।

अजमेर सेक्स स्कैंडल का मुख्य आरोपी फरार

पूरे केस में लगातार नजर बनाए रखने वाले अजमेर के एसपी विकास कुमार ने कहा- 1986 में इस केस का मुख्य आरोपी जमीर अमेरिका चला गया था। परिवार यहीं है, बीच में कुछ समय के लिए आया लेकिन अब फिर से गायब है। उसे पकड़ने के लिए इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया हुआ है। भारत आते ही उसे पहचान कर पकड़ लिया जाएगा।

ये भी पढ़ें: अजमेर रेप केस: रेपिस्ट को सजा दिलाने 11680 दिन तक संभाल कर रखा कंडोम

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