अजब गजब यह मकान, घर का एक दरवाजा राजस्थान में खुलता तो दूसरा दूसरा हरियाणा में...

दायमा परिवार का एक मकान ऐसा भी है। जिसमें एक ही परिवार और घर में रहने वाले दो भाई अलग अलग स्टेट आते हैं। ऐसे में एक भाई हरियाण का पार्षद तो दूसरा राजस्थान का पार्षद भी बना है।

subodh kumar | Published : Dec 28, 2023 7:32 AM IST

अलवर. राजस्थान में एक मकान अजब और गजब ही है। वैसे तो ये मकान काफी साधारण सा दिखता है। लेकिन इस मकान का एक दरवाजा राजस्थान में खुलता है तो दूसरा हरियाणा में खुलता है। हैरानी की बात यह है कि इसके कुछ कमरे एक स्टेट में हैं तो इस घर का आंगन दूसरी स्टेट में आता है।

रिश्तेदारों से मिलने भी दूसरी स्टेट में जाते लोग

अक्सर हम अपने दूर दराज के रिश्तेदारों से मिलने के लिए घंटों का सफर तय करते हैं। एक शहर से दूसरे शहर में जाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि एक ही घर में रहने वाले एक ही परिवार के सदस्यों को एक दूसरे से मिलने के लिए स्टेट मतलब एक राज्य पार करना पड़ता हो।

एक दूसरे से मिलने पार करते स्टेट

ऐसा ही एक मामला राजस्थान के अलवर जिले में है। यहां का रहने वाला दायमा परिवार एक दूसरे से मिलने के लिए राज्य पार करता है। इनके मकान के कमरे तो हरियाणा में है लेकिन आंगन राजस्थान में। मकान का दरवाजा तो हरियाणा में है लेकिन हवा घर में राजस्थान की ही आती है। यह मकान आधा हरियाणा और आधा अलवर यानि राजस्थान बॉर्डर में है।

6 कमरे राजस्थान में 4 हरियाणा

इन लोगों के मकान में कुल 10 कमरे हैं जिसमें से 6 कमरे तो राजस्थान में आते हैं और चार कमरे हरियाणा में। सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि परिवार का एक सदस्य दो बार हरियाणा से पार्षद रह चुका है जबकि एक दूसरा सदस्य तीन बार राजस्थान में पार्षद है।

एक भाई राजस्थान तो दूसरा हरियाणा

साल 1960 में टेकराम दायमा यहां रहने के लिए आ गए थे। जिनके दो बेटे कृष्ण और ईश्वर हुए। पूरा परिवार एक जगह ही रहने लगा। लेकिन राज्यों की सीमा के चलते ईश्वर के सारे डॉक्यूमेंट राजस्थान के हैं तो वही उनके भाई कृष्ण के सभी डॉक्यूमेंट्स हरियाणा के हैं। अब भले ही दो राज्यों की सीमा ने इस परिवार को अलग.अलग स्टेट में बांट दिया हो लेकिन हकीकत में दोनों में प्यार अटूट है।

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