कई दिनों बाद अचानक गुस्से में गहलोत: केंद्र से लेकर राज्य और RSS पर उठाए ये सवाल

Published : Jan 17, 2025, 09:55 AM ISTUpdated : Jan 17, 2025, 10:05 AM IST
 Ashok Gehlot

सार

अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग और UGC के नए नियमों को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इन नियमों को उच्च शिक्षा के लिए विनाशकारी बताया और भाजपा-आरएसएस पर संस्थानों पर कब्जा करने का आरोप लगाया।

जयपुर. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार और भाजपा-आरएसएस पर तीखे प्रहार करते हुए केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग और UGC के नए नियमों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इन प्रावधानों को उच्च शिक्षा को बर्बाद करने वाला बताया।

गहलोत के केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप

अशोक गहलोत ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि भाजपा और आरएसएस पिछले 10 वर्षों से देश के सभी संस्थानों को अपने कब्जे में लेने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आज सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स, दिल्ली पुलिस, और चुनाव आयोग जैसे स्वतंत्र संगठन भी केंद्र सरकार के इशारों पर काम कर रहे हैं।

  •  उन्होंने लिखा कि सुप्रीम कोर्ट के जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके न्यायपालिका पर दबाव की बात कही थी, जो इस सरकार के पक्षपातपूर्ण रवैये को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का बयान इसी संदर्भ में सही है, जो देशवासियों को इस गंभीर स्थिति से सतर्क करने वाला है।

RSS और भाजपा पर गंभीर आरोप

गहलोत ने आरोप लगाया कि आरएसएस का शुरू से ही एजेंडा रहा है कि वह सत्ता में शामिल होकर सभी संस्थानों पर नियंत्रण करे। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई के दौरान भी आरएसएस ने अंग्रेजों का साथ दिया था। अब भाजपा-आरएसएस सभी संस्थानों पर कब्जा करके उनका उपयोग विपक्ष और जनता के खिलाफ कर रहे हैं।

ED के दुरुपयोग की आलोचना

गहलोत ने सुप्रीम कोर्ट की एक टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा कि ईडी केवल लोगों को आरोपी बनाकर जेल में बंद रखने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि ईडी का दुरुपयोग जनता को डराने के लिए किया जा रहा है।

UGC के नए नियमों पर चिंता

अशोक गहलोत ने विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलर और शिक्षकों की नियुक्ति के लिए UGC के नए नियमों को संघीय ढांचे पर हमला बताया। उन्होंने कहा कि इन नियमों के तहत वाइस चांसलर बनने के लिए शैक्षणिक योग्यता की बाध्यता खत्म हो जाएगी और केंद्र सरकार राज्य विश्वविद्यालयों में अपनी मर्जी से नियुक्तियां कर सकेगी।

  • उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया आरएसएस विचारधारा के लोगों को विश्वविद्यालयों में स्थापित करने के लिए बनाई गई है। अनुबंधित प्रोफेसरों की संख्या 10% तक सीमित रखने जैसे प्रावधानों से योग्य शिक्षकों की नियुक्ति मुश्किल हो जाएगी।

शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने का आरोप

गहलोत ने लिखा कि इन नियमों से अयोग्य लोगों के विश्वविद्यालयों में काबिज होने का खतरा बढ़ जाएगा। यह देश की संघीय व्यवस्था और राज्यों के अधिकारों के लिए बड़ा खतरा है। उन्होंने इसे उच्च शिक्षा को बर्बाद करने वाला कदम बताया।

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