अरुणाचल में शहीद हुए बाड़मेर के जवान नखत सिंह, जानें क्या है पूरा मामला

अरुणाचल प्रदेश में हुए एक सैन्य ट्रक हादसे में बाड़मेर के जवान नखत सिंह शहीद हो गए। नखत सिंह की पार्थिव देह गुरुवार को उनके पैतृक गांव लाया जाएगा, जहाँ उनका सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।

बाड़मेर. अरुणाचल प्रदेश में इं​डियन आर्मी के ऑपरेशन अलर्ट के दौरान एक ट्रक खाई में गिरने से तीन जवान शहीद हो गए। जिसमें एक राजस्थान के बाड़मेर जिले के जवान नखत सिंह भी शामिल है। उनकी पार्थिव देह गुरुवार को आने के बाद पैतृत गांव में अंतिम संस्कार किया जाएगा। इससे पहले तिरंगा रैली भी निकाली जाएगी। आपको बतादें कि उनके पिता भी देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए थे। इस घटना में चार जवा घायल भी हो गए हैं।

2010 में ज्वाइन की थी इंडियन आर्मी

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जानकारी के अनुसार 34 साल के नखत सिंह बाड़मेर के हरसानी गांव के रहने वाला थे। जो 2010 में इंडियन आर्मी में 19 ग्रेनेडियल यूनिट में भर्ती हुए थे। पिछले 2 साल से वह अरुणाचल प्रदेश में तैनात थे, फिलहाल उनकी शहादत की खबर मिलने के बाद परिवार में मातम पसरा हुआ है। गांव का बाजार भी पूरी तरह बंद है। शहीद नखत सिंह कुल 6 भाई बहन है। 5 साल पहले पिता की भी मौत हो चुकी है। परिवार में नखत सिंह के एक 7 साल का बेटा और 3 साल की बेटी है। दोनों को अभी तक मालूम ही नहीं कि उनके पिता देश की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हो चुके है।

हेलीकॉप्टर से आएगी पार्थिव देह

नखत सिंह की पार्थिव देह को 29 अगस्त की सुबह बाड़मेर लाया जाएगा। असम के डिब्रूगढ़ से हेलीकॉप्टर से पार्थिव देह पहले दिल्ली आएगी और फिर दिल्ली से आर्मी के ट्रक के जरिए पार्थिव देह गांव आएगी। इस दौरान तिरंगा रैली भी निकाली जाएगी। हजारों की संख्या में लोग अंतिम यात्रा में शामिल भी होंगे।

सुबनगिरी में हुआ हादसा

ये हादसा अरुणाचल प्रदेश के सुबनसिरी जिले में हुआ था। जिसमें राजस्थान के बाड़मेर के जवान के अलावा मुकेश कुमार और ग्रेनेडियर आशीष भी देश की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए। वही चार घायलों का अस्पताल में इलाज जारी है। हालांकि अभी तक परिवार की ज्यादातर महिलाओं को शहादत के बारे में पता नहीं है। वही गांव के पुरुष एक जगह एकत्रित हो चुके हैं। दोपहर बाद कई जनप्रतिनिधि भी परिवार को सांत्वना देने के लिए पहुंचेंगे। गुरुवार को अंतिम संस्कार में पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी भी शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा इलाके के कई स्थानीय विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि भी अंतिम संस्कार में शामिल होंगे।

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