
भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर जिले के लक्ष्मी नगर इलाके में मंगलवार को एक 12वीं कक्षा के छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक, 17 वर्षीय मोहन, संत कृपाल स्कूल में साइंस का छात्र था और अपने छोटे भाई सोहन (15) के साथ किराए के कमरे में रहता था। यह घटना माता-पिता और समाज के लिए एक गहरी चिंता का विषय बन गई है, जो बच्चों पर बढ़ते पढ़ाई के दबाव को उजागर करती है।
मोहन के पिता ओमवीर सिंह ने बताया कि वह और उनकी पत्नी 27 जनवरी को अपने बेटों से मिलने आए थे। उन्होंने मोहन को पढ़ाई में अधिक मेहनत करने की हिदायत दी थी, क्योंकि स्कूल से शिकायतें आ रही थीं कि वह पढ़ाई में कमजोर है। बातचीत के दौरान मोहन ने किसी भी प्रकार की परेशानी का जिक्र नहीं किया और सामान्य व्यवहार किया। लेकिन, अगले दिन से उसने अपने माता-पिता के कॉल रिसीव करना बंद कर दिया।
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मंगलवार दोपहर को, पड़ोसियों ने परिवार को सूचित किया कि मोहन ने कमरे में फांसी लगा ली है। सूचना मिलते ही परिवार और पुलिस मौके पर पहुंची। कमरे का दरवाजा तोड़कर मोहन को नीचे उतारा गया और तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। छोटे भाई सोहन और परिवार के अन्य सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में आत्महत्या का कारण पढ़ाई का दबाव लग रहा है, हालांकि विस्तृत जांच जारी है।
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यह घटना एक बार फिर से बच्चों पर पढ़ाई के अत्यधिक दबाव और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को रेखांकित करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि माता-पिता को बच्चों के साथ संवाद करना चाहिए और उनके मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही, स्कूलों को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चों पर पढ़ाई का अनुचित दबाव न डाला जाए।
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