
श्रीडूंगरगढ़ (बीकानेर)। छह साल पुराने एक रहस्यमयी मौत के मामले में आखिरकार सच्चाई सामने आ गई है। जो केस शुरू में आत्महत्या लग रहा था, वो दरअसल एक सुनियोजित हत्या निकला। बीकानेर जिले के श्रीडूंगरगढ़ में 2019 में हुई युवक सहीराम की मौत के मामले में उसकी पत्नी, प्रेमी और एक अन्य साथी को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।
मामला 18 मार्च 2019 का है, जब महाराष्ट्र के अकोला में काम करने वाला सहीराम कुछ दिन के लिए अपने गांव आया था। उस रात गांव में गींदड़ नृत्य का आयोजन था, जिसे देखने के लिए वह घर से निकला, लेकिन फिर कभी वापस नहीं लौटा। अगली सुबह उसका शव रेल की पटरी पर क्षत-विक्षत अवस्था में मिला। पुलिस ने पहले इसे आत्महत्या मानते हुए मर्ग दर्ज कर ली।लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। दो दिन बाद सहीराम के बड़े भाई मदनलाल को शक हुआ और उन्होंने भाई की पत्नी इंद्रा, उसके बहनोई शंकरलाल और एक युवक रामेश्वर के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस ने जब दोबारा गंभीरता से जांच की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। जांच में खुलासा हुआ कि इंद्रा और शंकरलाल के बीच अवैध संबंध थे, और सहीराम उनके रास्ते का रोड़ा बन चुका था। घटनावाले दिन शंकरलाल और रामेश्वर ने सहीराम को गींदड़ कार्यक्रम के बहाने बाहर बुलाया और बाइक पर दूर ले जाकर उसकी रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी। बाद में हत्या को आत्महत्या का रूप देने के लिए शव को रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया गया, जिससे ट्रेन गुजरने के बाद उसका शरीर टुकड़ों में बंट गया।
पुलिस ने जांच में वह रस्सी भी बरामद की, जिससे हत्या की गई थी। यह साबित हुआ कि हत्या पूर्व नियोजित थी और इसे अंजाम देने में इंद्रा भी बराबर की दोषी थी। अब छह साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद श्रीडूंगरगढ़ एडीजे कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला न सिर्फ एक पारिवारिक विश्वासघात की मिसाल है, बल्कि यह भी दिखाता है कि प्रेम के नाम पर किस हद तक इंसान जा सक
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