राजस्थान में बस हड़ताल की आहट: 27 अगस्त से चक्का जाम?

राजस्थान में बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन और बस मालिक संघ ने 27 अगस्त से चक्काजाम की घोषणा की है। ऑपरेटरों ने 24 सूत्रीय मांगपत्र में किराया वृद्धि, परमिट संबंधी नियमों में बदलाव और रोडवेज के डेड परमिट के इस्तेमाल जारी रखने जैसी मांगें रखी हैं।

राजस्थान 27 अगस्त 2024 से चक्का जाम। राजस्थान में बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन और बस मालिक संघ ने 27 अगस्त 2024 से प्रदेशस्तरीय चक्का जाम की घोषणा की है। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सत्यनारायण साहू ने बताया कि परिवहन विभाग को कई बार समस्याओं के  बारे में बताते के बावजूद समाधान न मिलने के कारण फैसला लिया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने बस ऑपरेटरों की समस्याओं का समाधान नहीं किया तो अनिश्चितकालीन चक्का जाम करने पर मजबूर होना पड़ेगा।

24 सूत्री मांग पत्र में क्या-क्या शामिल?

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बस मालिक संघ के संरक्षक बाबूलाल पंजवानी के अनुसार, ऑपरेटरों ने सरकार को 24 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा है। इसमें ऑनलाइन अस्थाई परमिट जारी करने, ऑफलाइन परमिट चालू रखने, बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में दो माह का टैक्स माफ करने जैसी मांगें शामिल हैं।

राजस्थान में बस किराया बढ़ाने की मांग

एसोसिएशन के महासचिव शकील मिर्जा ने बताया कि निजी बसों का किराया 2014 से तय है, जबकि टैक्स, डीजल, बीमा, टोल, पार्ट्स और बसों की कीमतें कई बार बढ़ चुकी हैं। उन्होंने सरकार से अन्य राज्यों के समान 1 रुपए 40 पैसे प्रति यात्री प्रति किलोमीटर किराया तय करने की मांग की है। साथ ही चुनाव के समय निजी बसों का किराया 2250 रुपए से बढ़ाकर 4500 रुपए करने की भी मांग की गई है।

राजस्थान के निजी बस संचालकों की प्रमुख मांगें

शैलेश अरोड़ा और नौशीन खान ने कहा कि राष्ट्रीयकृत मार्गों पर निजी बसों के ओवरलेप की सीमा 25 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर की जाए। इसके अलावा, लोक परिवहन सेवा के परमिट जारी करने, रोडवेज के मार्ग पर 60/40 के अनुपात में परमिट देने, महिला और सीनियर सिटीजन को 50 फीसदी किराए में छूट देने और अस्थाई ट्रांसपोर्ट परमिट की अवधि 24 घंटे करने की मांग की गई है।

राजस्थान बस मालिक संघ की अन्य महत्वपूर्ण मांगें

बलदेव यादव और प्रमोद सिंह ने राजस्थान परमिट पर चलने वाली टूरिस्ट बसों के टैक्स को यूपी, बिहार, एमपी की तरह 200 रुपए प्रति सीट प्रति माह करने, वाहन बदलने पर सीटिंग कैपेसिटी की शर्त को 5 फीसदी  से बढ़ाकर 20 फीसदी  करने और NCR क्षेत्र में CNG या BS6 इंजन लगाने पर संचालन की अनुमति 10 साल तक बढ़ाने की मांग की है।

सरचार्ज बंद करने समेत परमिट बढ़ाने की मांग

इसके अलावा, लोक परिवहन सेवा, ग्रामीण सेवा, सिटी परमिट की बसों की TP  की संख्या बढ़ाने, दो संभागों को जोड़कर परमिट जारी करने समेत प्राइवेट रूट पर अवैध संचालन करने वाले ऑटो, क्रूजर, जीप को बंद करने की भी मांग की गई है। सरचार्ज बंद करने, लोक परिवहन सीमा के परमिट की अवधि 1 साल से बढ़ाकर 10 साल करने जैसी अन्य मांगें भी उठाई गई हैं।

रोडवेज बसों का मुद्दा

एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सत्यनारायण साहू ने बताया कि रोडवेज के पास 2600 बसें हैं, जबकि 8000 परमिट ले रखे हैं। कई राष्ट्रीयकृत रास्तों पर बसें नहीं चल रही हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि रोडवेज के जिन सड़कों पर बसें नहीं चल रही हैं, वहां के परमिट निजी बस ऑपरेटरों को दिए जाएं ताकि नागरिकों को यातायात का साधन उपलब्ध हो सके और सरकार को भी राजस्व प्राप्त हो।

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