राजस्थान के चूरू जिले में राजगढ़ थाने में पदस्थ एसएचओं के सुसाइड केस में नया मोड़ आया है। कोर्ट ने माना MLA लगातार फोन करके करती थी परेशान, इसलिए एसएचओ ने की आत्महत्या। इस दबंग विधायक को सीबीआई और सीआईडी जांच के बाद दे चुके थे क्लीन चिट।
चूरू (Churu). राजस्थान के चुरू जिले में स्थित राजगढ़ थाने में तैनात एस एच ओ विष्णु दत्त विश्नोई की मौत के मामले में नया मोड़ आया है। दरअसल 2 साल पहले विष्णु दत्त विश्नोई ने अपने क्वार्टर में सुसाइड कर लिया था। उनकी मौत के बाद एमएलए कृष्णा पूनिया जो कि चूरू से ही विधायक हैं उनकी भूमिका संदिग्ध पाई गई थी। विष्णु के परिजनों और स्थानीय लोगों ने एमएलए की जांच करवाने की मांग की थी, तो सरकार ने सीआईडी सीबी और उसके बाद सीबीआई से जांच कराई। दोनों की जांच में कृष्णा पूनिया दोषमुक्त निकली। सीबीआई ने इस मामले में कृष्णा पूनिया को क्लीन चिट देकर एफआर पेश कर दी थी। लेकिन इस एफआईआर (FIR) को फिर से खोलने के निर्देश आए हैं।
कोर्ट ने दबंग एमएलए को किया तलब
दरअसल मई 2020 में एसएचओ विष्णु दत्त विश्नोई ने सुसाइड कर लिया था। विष्णु के भाई संदीप ने 23 मई 2020 को सादुलपुर चूरू से विधायक कृष्णा पूनिया के खिलाफ परेशान करने और उकसाने का मामला दर्ज कराया था। जनप्रतिनिधि होने के कारण इस केस की जांच सरकार की एजेंसी सीआईडी सीबी ने की थी । लेकिन अपनी जांच में कृष्णा पूनिया को दोषमुक्त माना था और एफ आर पेश कर दी थी । बाद में जब स्थानीय लोगों का हंगामा बढ़ने लगा तो सरकार ने इसकी जांच सीबीआई से करवाई । सीबीआई ने भी वही किया और कृष्णा पूनिया को दोष मुक्त घोषित कर दिया। लेकिन कोर्ट ने खुद ही इस मामले में संज्ञान लेते हुए अपार खारिज करने के साथ ही कृष्णा पूनिया को वारंट से तलब किया है । उन्हें जमानती वारंट पर बुलाया गया है ।
बेहद हाई प्रोफाइल है यह मामला
दरअसल विष्णु दत्त विश्नोई एक बेदाग अफसर थे। उन्हें कई बार राज्य स्तर पर पुलिस के अधिकारियों ने सम्मानित भी किया था। लेकिन वह लगातार तनाव में चल रहे थे, सुसाइड से पहले दो सुसाइड नोट बरामद किए गए थे। उनमें यह लिखा गया था कि .....माफ करना मैडम मैं ज्यादा दबाव नहीं झेल सकता मैं बहुत परेशान हो चुका हूं .... उसके अलावा और भी काफी सारी बातें लिखी गई थी । विष्णु दत्त विश्नोई की मौत के कुछ दिनों बाद ही 11वीं क्लास में पढ़ने वाले उनके बेटे ने भी सुसाइड कर लिया था। वह पिता की मौत से सदमे में था । परिवार को लगा कि अब वह सदमे से बाहर आ रहा है तो उसकी निगरानी कम कर दी , जैसे ही उसकी निगरानी कम कि उसने कमरे में खुद को बंद करके सुसाइड कर लिया।
उल्लेखनीय है कि पुलिस ने जांच की, पुलिस की जांच के बाद सीआईडी सीबी ने जांच की। सीआईडी सीबी की जांच के बाद सीबीआई ने जांच की। अब जोधपुर की सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में निर्देश जारी किए हैं। केस फिर से ओपन हो गया है।
इसे भी पढ़े- बेटे को सुसाइड नोट भेजकर पुलिसकर्मी ने खुद को मारी गोली, आत्महत्या के पीछे बताई यह वजह