
झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में सरकारी स्कूल की छत गिरने से 7 मासूम बच्चों की मौत के बाद प्रदेशभर में शोक की लहर है। इस दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे सिस्टम को आईना दिखा दिया है। हादसे के अगले ही दिन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने त्वरित एक्शन लेते हुए प्रदेश के सभी जर्जर स्कूल, आंगनबाड़ी और सरकारी संस्थानों की मरम्मत को तत्काल प्राथमिकता देने के निर्देश जारी किए हैं।
मुख्यमंत्री ने डांग, मगरा और मेवात क्षेत्र की योजनाओं में बड़ा सुधार करते हुए मरम्मत कार्य के लिए निर्धारित बजट सीमा 15% से बढ़ाकर 20% कर दी है। इस फैसले से अब ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में टूटे-फूटे सरकारी भवनों की मरम्मत तेजी से की जा सकेगी, जहां अब तक सुविधाओं की भारी कमी रही है।
सरकार ने MLA फंड को लेकर भी नई गाइडलाइन जारी की है। अब किसी भी योजना से बने स्कूल, पंचायत भवन, डिस्पेंसरी, आंगनबाड़ी जैसी सरकारी इमारतों की मरम्मत के लिए विधायक अपनी निधि से 20% तक राशि खर्च कर सकेंगे। पहले इस पर सख्त सीमा थी, जिससे कई काम अधूरे रह जाते थे।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि अब बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा कोई भी मामला नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। झालावाड़ जैसे हादसे दोबारा न हों, इसके लिए शासन स्तर पर सख्त निगरानी रखी जाएगी।
सरकार ने मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की सहायता देने का एलान किया है, जबकि घायलों का इलाज पूरी तरह सरकारी खर्च पर किया जा रहा है। शिक्षा मंत्री ने मौके पर पहुंचकर भरोसा दिलाया है कि पीड़ित परिवार के एक सदस्य को संविदा नौकरी देने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
राजस्थान की राजनीति, बजट निर्णयों, पर्यटन, शिक्षा-रोजगार और मौसम से जुड़ी सबसे जरूरी खबरें पढ़ें। जयपुर से लेकर जोधपुर और उदयपुर तक की ज़मीनी रिपोर्ट्स और ताज़ा अपडेट्स पाने के लिए Rajasthan News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — तेज़ और विश्वसनीय राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।