
उदयपुर, जो अपनी सुंदर झीलों और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है, हाल ही में एक अनोखी घटना का गवाह बना। मंगलवार को यहां एक विदेशी पर्यटक का हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया, जो न केवल स्थानीय लोगों बल्कि देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए भी हैरान करने वाला था। यह घटना फ्रांस से आए 73 वर्षीय जॉन्स पेरी से जुड़ी हुई है, जिनकी हाल ही में उदयपुर में निधन हो गया।
जानकारी के अनुसार, जॉन्स पेरी पिछले महीने अपनी पत्नी के साथ उदयपुर आए थे और यहां एक बाइक यात्रा पर निकलने का मन बना रहे थे। लेकिन यात्रा के दौरान उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और उन्हें एक अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। जॉन्स के परिवार से जुड़े एक उदयपुर निवासी दिनेश जैन ने बताया कि जॉन्स का एक विशेष लगाव भारत और हिंदू संस्कृति से था, और उनकी आखिरी इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार भारत में ही किया जाए। वह अपनी पत्नी के साथ हर साल भारत और उदयपुर घूमने आते थे।
जॉन्स की पत्नी ने अपने पति की अंतिम इच्छा को सम्मानित करते हुए उनके शव का हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार करने का फैसला किया। बैकुंठ धाम सेवा संस्थान ने इस पूरी प्रक्रिया को व्यवस्थित किया, और रानी रोड स्थित श्मशान घाट पर जॉन्स पेरी का अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर उनकी पत्नी ने अपने पति की अर्थी को कंधा दिया और स्वयं ही मुखाग्नि दी, जो एक भावुक और सम्मानजनक पल था। अंतिम संस्कार की यह क्रिया काल की गई थी और उसके बाद आज जोन्स की पत्नी ने उनकी अस्थियां चुनी और उसे अपने साथ फ्रांस लेकर जाने की तैयारी कर ली है।
यह घटना उदयपुर के लिए एक अनोखा उदाहरण बन गई है, जिसमें एक विदेशी पर्यटक ने भारतीय संस्कृति और रीति-रिवाजों को अंतिम समय तक अपनाया। यह घटना न केवल जॉन्स पेरी की श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की महानता और प्रभाव को भी दर्शाती है।
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