
जयपुर. हाल ही में नीट परीक्षा का परीणाम सामने आया है और इसी सप्ताह फादर्स डे भी आ रहा है। दोनो बड़े मौके एक ही सप्ताह में हैं और इसी मौके पर दो बेटियों ने अपने अपने पिता को ऐसा उपहार दिया है कि दोनो पिता की आखें नम हो गई। खुशी के इतने आसूं छलके कि बेटियों को गले लगाकर पिता घंटों रोते रहे। कारनाम दो बहनों ने किया है। दोनो बहनें जयपुर जिले के ग्रामीण इलाके जमवारामगढ़ क्षेत्र में स्थित यादव परिवार की रहने वाली हैं। एक बेटी ने 720 में से 680 और दूसरी ने 645 नंबर प्राप्त किए हैं। दोनो बच्चियों ने कोचिंग में पढ़ाई कर ये सफलता प्राप्त की है।
एक के माता-पिता आठवीं-दसवी तक पढ़े
रितु यादव ने परीक्षा में 645 अंक प्राप्त किए हैं। रितु के माता पिता की बात की जाए तो पिता हनुमान सहाय यादव दसवीं तक और मां सुशीला यादव आठवीं तक पढी हैं। दोनो की कम उम्र में ही शादी हो गई थी। परिवार के पास खुद की जमीन और जायदाद नहीं है। पिता हनुमान सहाय के पास दस से बारह बकरियां हैं वे दिन भर इन्हें ही चराते हैं और इनका ही दूध बेचकर घर चलाते हैं। कुछ पैसा उधार भी लिया है बेटी को पढाने के लिए। हनुमान सहाय का कहना था कि बेटी पढ़ाई में शुरू से होशियर थीं। लेकिन हमने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि बेटी डॉक्टर ही बन जाएगी। परिवार की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है।
दूसरे के पिता को साइन करना भी नहीं आते
उधर 680 नंबर लाने वाली करीना यादव की स्टोरी तो और भी हैरान करने वाली है। करीना के माता पिता पूरी तरह से निरक्षर हैं, स्कूल तो क्या.... कभी कॉपी किताब का चेहरा तक नहीं देखा। हिंदी में साइन करना भी बेटी ने सिखाया है। घर में पांच सात मवेशी हैं जिनमें गायें भी शामिल हैं। इनका ही दूध बेचकर घर चलता है। अध कच्चा मकान है। राशन की दुकान से सरकारी खाद्य सामग्री मिलती है वही घर चलाती है। गीता देवी ने कहा कि बेटी पर भरोसा था कुछ अच्छा करेगी..... लेकिन इतना अच्छा करेगी। अभी भी भरोसा नहीं हो रहा हैं । परिवार में खुशियों का माहौल है।
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