
भीलवाड़ा. मुंबई और यूपी के गाजियाबाद के बाद राजस्थान के भीलवाड़ा में भी गीजर से रिसी जहरीली गैस में एक कपल का दम घुटने का मामला सामने आया है। तीनों ही मामले होली खेलने के बाद नहाने के दौरान हुए। भीलवाड़ा में 15 मार्च को अष्टमी पर होली खेलने के बाद बाथरूम में नहाने घुसी फैमिली का गीजर के बर्नर से निकली कार्बन डाइऑक्साइड से दम घुट गया। इस हादसे में कपल की मौत हो गई, जबकि उनका बेटा गंभीर हालत में है। (लेफ्ट भीलवाड़ा का कपल)
पुलिस के मुताबिक शिवनारायण झंवर (35), उनकी पत्नी कविता(32) और उनके बेटे विहान (9) ने शीतला अष्टमी के मौके होली खेली थी। फिर तीनों दोपहर करीब 1:30 बजे घर के ग्राउंड फ्लोर पर बने बाथरूम में नहाने गए। लेकिन जब साढ़े तीन बजे तक वे बाहर नहीं निकले, तब परिजनों को टेंशन हुई। परिजनों ने पहले उन्हें काफी आवाज लगाई। फिर बाथरूम का दरवाजा तोड़कर देखा, तो तीनों बेहोश पड़े थे। शिवनारायण भीलवाड़ा के शाहपुरा व्यापार मंडल अध्यक्ष रतनलाल झंवर के पोते थे।
तीनों को बेहोश देखकर परिजन रोने-चिल्लाने लगे। उनकी आवाजें सुनकर पड़ोसी मौके पर पहुंचे। तीनों को बाथरूम से बाहर निकलवाय और जिला अस्पताल लेकर गए। लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही शिवनारायण और कविता की मौत हो चुकी थी। 9 साल के विहान को गंभीर हालत में भीलवाड़ा के लिए रेफर कर दिया गया। थानाधिकारी राजकुमार नायक के अनुसार, कपल की मौत दम घुटने से हुई।
होली पर दो कपल के लिए उनका बाथरूम मौत का 'गैस चेम्बर' बन गया था। एक हादसा यूपी के गाजियाबाद में हुआ था, जबकि दूसरा मुंबई के घाटकोपर में। इससे पिछली होली पर भी ऐसे मामले सामने आए थे। यह हैरान करने वाला संयोग है कि तीनों हादसों में मरने वाले हम उम्र शख्स के नाम दीपक और दो महिलाओं के नाम मिलते-जुलते हैं। पढ़िए पूरी डिटेल्स
एक्सपर्ट मानते हैं कि गैस गीजर के पास वेंटिलेशन होना जरूरी है, ताकि गैस लीक होने पर कार्बन डायऑक्साइड के बजाय कार्बन मोनोऑक्साइड पैदा होने पर खतरा न हो। इस गैस से चक्कर आना, घुटना महसूस होना जैसी समस्या होती है। एक्सपर्ट के अनुसार, गैस गीजर में आक्सीजन की खपत अधिक होती है। इससे कॉर्बनडायऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। साथ ही कार्बन मोनो ऑक्साइड भी बनती है।
एक्सपर्ट के अनुसार, अगर गैस गीजर का बर्नर बाथरूम में है, तो उससे निकली कार्बन डाइऑक्साइड जमीन पर परत बना लेती है। जब यह शरीर के अंदर पहुंचती है, तो सांस नली को ब्लॉक कर देती है। CO2 दिखती नहीं है, इसलिए इसका पता नहीं चल पाता।
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