अगर आप भी भारी भरकम बिजली के बिल से परेशान हो गए हैं। तो ये खबर आपके बहुत काम की है। हम आपको ऐसा तरीका बताने जा रहे हैं। जिससे फ्री में बिजली बन जाएगी और आपको बिजली का बिल भी नहीं भरना पड़ेगा।
जयपुर. राजस्थान विद्युत नियामक आयोग द्वारा बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी सौगात दी जा रही है। अब वे घर बैठे ही बिजली का उत्पादन कर उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए वे अपने घर की छत या बालकनी में सोलर सिस्टम लगा सकते हैं। इसके तहत आपको सिर्फ एक बार खर्च करना होगा। लेकिन उसके बाद आपको बिजली के बिल के झंझट से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाएगी।
80 से 100 यूनिट तक उत्पादन
अब तक सोलर सिस्टम सिर्फ छत पर ही लगाया जाता था। इस कारण उन लोगों को दिक्कत आती थी। जो फ्लैट में रहते हैं। इस कारण राजस्थान विद्युत नियामक आयोग ने अब आमजन को इस योजना का लाभ देने के लिए बालकनी में भी सोलर सिस्टम लगाने की शुरूआत की है। ये सिस्टम महज 50 हजार रुपए के खर्च में करीब एक किलोवाट का लगाया जा सकता है। जिसमें आप प्रति माहह 70 से 100 यूनिट तक बिजली का उत्पादन कर सकते हैं।
देश का पहला राज्य राजस्थान
दरअसल बालकनी सोलर सिस्टम का परीक्षण करने और इसकी सफल शुरुआत करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया है। राजस्थान विद्युत नियामक आयोग द्वारा भवन की बालकनी में कुछ सप्ताह पहले लगाई गई सोलर प्लेट्स बिजली बना रही हैं।
सीधे उपयोग कर सकेंगे बिजली
आरईआरसी चेयरमैन बीएन शर्मा का कहना है कि यह नया प्रयोग सफल रहा है। इसमें फायदे ज्यादा हैं। छोटे परिवार जिनको ज्यादा बिजली की जरूरत नहीं हैं वे अपनी बालकनी में ही सोलर प्लेट्स लगा सकते हैं। इसका सरकार से कोई लेना - देना नहीं होगा। यानी ना तो इसके लिए सब्सिडी दी जाएगी और ना ही इसे सरकार की ग्रिड से जोड़ा जा सकेगा। इन प्लेट्स से लगी माइक्रो चिप इसे सीधे इनवर्टर से जोड़ सकेगी और वहां बिजली स्टोर होती रहेगी। उपभोक्ता चाहे तो अलग से बिजली कनेक्शन भी ले सकेगा, जो सरकार के स्तर पर दिया जाता है।
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रेडी टू यूज है सिस्टम
राजस्थान सोलर के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। प्रदेश में करीब 75 लाख से भी ज्यादा उपभोक्ता हैं जो सोलर से बिजली बना रहे हैं। उनके पास तीन किलो वाट तक के कनेक्शन हैं। उनको ग्रिड्स से भी कनेक्ट किया गया है। सरकार से भी बिजली का आदान प्रदान होता है। लेकिन अब बालकनी सोलर सिस्टम को यूज करना काफी आसान है। राजस्थान सोलर एसोसिएशन के अधिकारी सुनील बंसल ने कहा कि अभी बस पॉलिसी बनना बाकि है। इसे यूज करना इतना आसान है जैसे आप पंखे का प्लग लगाएं और उसे चालू कर लें। ये रेडी टू यूज प्लेट्स होंगी, इन्हें सैट कर उसी दिन से काम में लिया जा सकता है, जिस दिन इंस्टॉल किया जा रहा है। यह नई क्रांति है और इसका प्रभाव बहुत जल्द देखने को मिलेगा।
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