
जयपुर. राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े (Governor Haribhau Bagde) ने बुधवार को हरिश्चंद्र माथुर लोक प्रशासन संस्थान में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (Indira Gandhi National Open University) के क्षेत्रीय केंद्र, जयपुर के दीक्षांत समारोह (convocation ceremony of Jaipur) में एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय वैदिक ग्रंथों में गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत (newton gravity discovery) जैसी वैज्ञानिक अवधारणाओं का उल्लेख बहुत पहले से किया गया है, जबकि दुनिया को न्यूटन के सिद्धांतों के बारे में बाद में पता चला।
राज्यपाल बागड़े ने ऋषि भारद्वाज का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने अपने ग्रंथों में विमानों के बारे में पहले ही जानकारी दे दी थी। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा में कोई शॉर्टकट नहीं है। उन्होंने छात्रों को न केवल पाठ्यक्रम से संबंधित पुस्तकों का अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित किया, बल्कि जीवन, व्यवहार और समकालीन परिवर्तनों से संबंधित सामग्री का भी अध्ययन करने का सुझाव दिया। राज्यपाल ने युवाओं से आग्रह किया कि वे अपनी सांस्कृतिक विरासत को समझें और वैज्ञानिक ज्ञान के प्राचीन स्रोतों से प्रेरणा लें। उन्होंने कहा कि भारत में विज्ञान की जड़े बहुत गहरी हैं और हमें अपने पूर्वजों के ज्ञान पर गर्व होना चाहिए।
इस दीक्षांत समारोह में इग्नू के विभिन्न पाठ्यक्रमों के छात्रों को उपाधियाँ प्रदान की गईं। राज्यपाल ने सभी सफल छात्रों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह ज्ञान और कौशल प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो हमें जीवन की चुनौतियों का सामना करने में मदद करता है। राज्यपाल बागड़े ने यह भी कहा कि इग्नू जैसे संस्थान दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने इग्नू के प्रयासों की सराहना की और कहा कि यह संस्थान उन छात्रों को शिक्षा प्रदान कर रहा है जो नियमित कक्षाओं में भाग लेने में असमर्थ हैं। इस समारोह में इग्नू के अधिकारी, शिक्षक, छात्र और उनके अभिभावक उपस्थित थे। सभी ने राज्यपाल के विचारों को ध्यान से सुना और उनकी सराहना की।
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