राजस्थान में मिला खतरनाक वायरस, लोगों की बदल रही आवाज, जानिए इसके लक्षण

Published : Jan 29, 2025, 06:04 PM IST
 Guillain Barre Syndrome GBS virus diseas

सार

राजस्थान में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामले बढ़ रहे हैं, जिससे लोगों के नर्वस सिस्टम पर असर पड़ रहा है और आवाज़ में बदलाव जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं। अस्वच्छ खानपान को इसका मुख्य कारण बताया जा रहा है।

जयपुर. राजस्थान में एक गंभीर बीमारी गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामले सामने आए हैं। जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में इस बीमारी से ग्रसित तीन मरीजों की पुष्टि हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कोई नई बीमारी नहीं है, लेकिन हाल के दिनों में इसके मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। खासतौर पर अस्वच्छ खान-पान के कारण यह संक्रमण तेजी से फैल सकता है।

क्या है गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS)?

GBS एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें मरीज के नर्वस सिस्टम पर सीधा प्रभाव पड़ता है। यह बीमारी बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण के कारण फैल सकती है। GBS में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) ही अपने नर्वस सिस्टम पर हमला करने लगती है, जिससे नसों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है।

कैसे फैलती है यह बीमारी?

सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. दिनेश खंडेलवाल के अनुसार, गुइलेन-बैरे सिंड्रोम का मुख्य कारण गंदगी और अस्वच्छ खान-पान है। खुले में मिलने वाले खाद्य पदार्थ, जैसे— पानी-पुरी, चाट, ठंडी चटनी, सड़क किनारे मिलने वाला खाना, या दूषित पानी— इस बैक्टीरिया के संक्रमण का बड़ा स्रोत हो सकते हैं।

GBS में शरीर की एंटीबॉडी ही बन जाती है दुश्मन

डॉक्टरों के मुताबिक, इस बीमारी में शरीर की इम्यून सिस्टम द्वारा बनाई गई एंटीबॉडी ही नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाने लगती है। दरअसल, बैक्टीरिया के मॉलिक्यूल्स इंसानी नसों से काफी मिलते-जुलते होते हैं। जब शरीर इस बैक्टीरिया से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाता है, तो यह गलती से नसों की कवरिंग (माइलिन शीथ) पर भी हमला कर देती है। इससे नसों में करंट का प्रवाह बाधित हो जाता है और मरीज के हाथ-पैर कमजोर पड़ने लगते हैं।

कैसे बचें इस बीमारी से?

1. स्वच्छ और घर का बना भोजन करें – सड़क किनारे खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थों से बचें।

2. स्वच्छ पानी पिएं – उबला हुआ या फिल्टर किया हुआ पानी ही उपयोग करें।

3. व्यक्तिगत सफाई का ध्यान रखें – खाने से पहले और बाद में हाथ धोने की आदत डालें।

4. बीमारी के लक्षणों को न करें नजरअंदाज – यदि हाथ-पैरों में कमजोरी महसूस हो या चलने में दिक्कत हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

GBS के बढ़ते मामलों पर सतर्कता जरूरी

विशेषज्ञों का मानना है कि इस बीमारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। यदि समय पर इलाज न मिले, तो यह बीमारी गंभीर रूप धारण कर सकती है। इसलिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और किसी भी अस्वास्थ्यकर आदतों से बचें।

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