
Jaipur Hariyali Teej Festival Celebration : राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर और आस्था का प्रतीक हरियाली तीज का पर्व इस बार जयपुर में बेहद खास होने जा रहा है। जहां एक ओर महिलाएं शिव-पार्वती के मिलन का प्रतीक यह व्रत श्रद्धा से रखेंगी, वहीं राजधानी जयपुर में सबसे बड़ा तीज महोत्सव आयोजित होगा, जिसे लोग हेलीकॉप्टर से ऊपर से भी देख सकेंगे। इतना ही नहीं आसमान से फूल भी बरसाने के इंतजाम किए गए हैं।
तीज का व्रत शिव और पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है, जिसमें विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र और कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना के लिए निर्जल व्रत रखती हैं। तीज के दिन महिलाएं हरे रंग के वस्त्र पहनती हैं, हाथों में मेंहदी रचाती हैं और झूला झूलती हैं। रात को तीज माता की पूजा की जाती है और अगले दिन व्रत खोला जाता है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। उन्होंने 107 बार जन्म लिया, तब जाकर 108वें जन्म में भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी रूप में स्वीकार किया। उसी प्रेम और तपस्या की स्मृति में तीज का व्रत पहली बार माता पार्वती ने ही रखा था।
तीज का यह पर्व सिर्फ धार्मिक महत्व नहीं, बल्कि राजस्थानी संस्कृति और नारी शक्ति के सम्मान का भी उत्सव बनता जा रहा है। जयपुर का यह आयोजन निश्चित रूप से देशभर में चर्चा का विषय बनेगा।
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