राजस्थान की गहलोत सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। अब महिलाओं और बालिकाओं को सवा करोड़ फोन बांटने के मामले में सीएम गहलोत को झटका लगा है। हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार से जवाब मांगा है।
जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने में अब 2 महीने से भी कम समय बचा है। प्रदेश की मौजूदा सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार एक के बाद एक घोषणाएं कर रहे हैं लेकिन अब दो सप्ताह के भीतर प्रदेश में आचार संहिता लागू हो जाएगी। इसके बाद सरकार की ओर से कोई भी नई घोषणा नहीं की जा सकेगी।
सवा करोड़ फोन बांटने की घोषणा
इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट घोषणा में राजस्थान में सवा करोड़ बालिकाओं और महिलाओं को स्मार्टफोन देने की घोषणा की थी। सरकार ने पहले फेज में करीब 20 से 30 लाख स्मार्टफोन वितरित कर दिए हैं जबकि एक करोड़ चिरंजीवी कार्डधारकों की महिला मुखिया को मोबाइल फोन देने के संबंध में गारंटी कार्ड देने के दिशा-निर्देश जारी किए थे।
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5 अक्टूबर तक सरकार से जवाब मांगा
इस मामले में एडवोकेट मुदित ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। अब हाईकोर्ट ने 5 अक्टूबर तक स्मार्ट फोन मामले में सरकार से जवाब मांगा है। मामले में हाईकोर्ट ने कहा है कि इस योजना को कल्याणकारी गतिविधि नहीं कहा जा सकता। यह तर्कसंगतता और आनुपातिका की कसौटी पर खरी नहीं उतरती है और यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन भी है।
रिजर्व बैंक की माने तो प्रदेश की आर्थिक स्थिति नहीं ठीक
इस मामले में याचिकाकर्ता मुदित ने कहा है कि स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री गहलोत ने जो सार्वजनिक घोषणा की उससे साफ है कि वह खुद का प्रचार-प्रसार करने में लगे हैं जो अंतर्निहित राजनीतिक एजेंडे को दर्शाता है। मामले में याचिकाकर्ता ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक पहले ही आंकड़े जारी कर चुका है कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में यदि सरकार इस प्रकार की योजनाएं लाती है तो इससे आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।