सार

विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। शेखावत की ओर से चल रहे मानहानि के केस में कोर्ट ने गहलोत की पेशी पर न आने की याचिका खारिज कर दी है।

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से चलाए जा रहे मानहानि के केस मेंं आज सुनवाई हुई। मामले में मुख्यमंत्री गहलोत ने दिल्ली में चल रहे इस केस में पेश नहीं होने के लिए याचिका लगाई गई थी, लेकिन इसे कोर्ट ने खारिज कर दी है। यानी अब मानहानि का केस भी चलेगा और सीएम गहलोत को दिल्ली में पेशी पर होना भी होगा। यह पूरा मामला हजारों करोड़ रुपये के घोटाले का है।

गहलोत ने शेखावत पर चिंटफंड घोटाले का आरोप लगाया
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जोधपुर के रहने वाले हैं। मोदी सरकार में मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी जोधपुर के ही निवासी हैं। दोनों के बीच में अक्सर राजनीतिक मुद्दों को लेकर तीखी बहस होती है। लेकिन कुछ महीना पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गजेंद्र सिंह पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि राजस्थान में सबसे बड़ी चिटफंड कंपनी में घोटाला हुआ है। सारा पैसा कंपनी के डायरेक्टर ने गजेंद्र सिंह की कंपनी में लगाया जिसे वह डकार गए। इससे राजस्थान के लाखों निवेशकों के पैसे डूब गए हैं।

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शेखावत ने गहलोत पर ठोका मानहानि का केस
इस तरह के बयानों के बाद गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ऊपर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में मानहानि का केस ठोक दिया। इस केस में सुनवाई शुरू हुई लेकिन किसी न किसी कारण से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वहां पेश नहीं हुए और लगातार इस केस की सुनवाई आगे बढ़ती रही।

गहलोत ने याचिका में पेशी पर आने से मांगी थी छूट
पिछली सुनवाई को भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वकील ने कोर्ट में याचिका लगाई की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस केस में जमानत दी जाए और उनको पेशी से छूट दी जाए। यह पेशी 14 सितंबर को थी और 14 सितंबर को दोनों ही बड़े नेता पेश नहीं हो सके थे। दोनों के वकीलों के बीच में तीखी नोंक झोंक हुई थी और बाद में कोर्ट ने 19 सितंबर के लिए यह फैसला सुरक्षित कर लिया था।

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गहलोत की याचिका रद्द
आज दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने यह फैसला सुना दिया है और उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से पेश की गई याचिका को रद्द कर दिया है। जज ने कहा कि इस सप्ताह के अंत में जो तारीख है इस तारीख पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को व्यक्तिगत दिल्ली में पेश होना होगा और उसके बाद कोर्ट जमानत का फैसला करेगी।

चुनाव से ठीक पहले इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को तगड़ी टेंशन दे दी है।‌ यह पूरा घटनाक्रम संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले को लेकर चल रहा है।