जगुआर के दोनों जांबाज पायलट को सलाम: मौत को चुनकर बचा गए हजारों जिंदगी, अंत तक निभाया फर्ज

Published : Jul 10, 2025, 08:11 PM ISTUpdated : Jul 10, 2025, 08:34 PM IST

राजस्थान के चूरू में 9 जुलाई को जगुआर फाइटर जेट क्रैश हादसे से हर को दुखी है। इस हादसे में विमान उड़ा रहे दो पायलट  लेफ्टिनेंट ऋषिराज सिंह देवड़ा (23) पायलट लोकेंद्र सिंह सिंधु की मौत हो गई। दोनों का आज अंतिम संस्कार किया गया।  

PREV
18
आखिरी सांस तक अपना फर्ज अदा किया

भारतीय वायू सेना के जबांज जवान और जगुआर फाइटर जेट के दोनों पायलट स्क्वॉड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह सिंधु और लेफ्टिनेंट ऋषिराज का आज अंतिम संस्कार हो गया। लोकेंद्र सिंह का हरियाणा के रोहतक में तो ऋषिराज का का पाली जिले में अंतिम विदाई दी गई। दोनों अपनी आखिरी सांस तक अपना फर्ज अदा कर गए। 

28
अपनी कुर्बानी देकर सैंकड़ों जान बचा गए

हादसे से ठीक पहले फाइटर जेट ने राजलदेसर के घनी आबादी वाले क्षेत्र के ऊपर उड़ान भरी थी। पायलटों ने स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए विमान को रिहायशी इलाके से दूर ले जाकर खेतों में क्रैश कराया। इस दौरान उन्होंने अपने बचाव के प्रयास नहीं किए, बल्कि अपनी जान की कुर्बानी देकर बड़ी जनहानि को टाल दिया। दोनों पायलटों ने असाधारण साहस का परिचय देते हुए करीब 1500 ग्रामीणों की जान बचा ली।

38
कौन हैं शहीद स्क्वॉड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह

शहीद स्क्वॉड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह सिंधु (44) हरियाणा के रोहतक और फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऋषिराज (23) पाली के सुमेरपुर स्थित खिंवादी गांव के रहने वाले थे।

48
एक महीने पहले पापा बने थे पायलट लोकेंद्र

 पायलट लोकेंद्र सिंह सिंधु (32) रोहतक में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। दुखद बात यह कि लोकेंद्र एक महीने पहले ही पापा बे थे, वह इस उड़ान के बाद अपने बच्चे के साथ वक्त बिताने के लिए  गांव जाने वाले थे, लेकिन यह सफर उनका आखिरी बन गया। पत्नी डॉ. सुरभि ने एक महीने के बेटे के साथ शहीद पति के रोते-बिलखते अंतिम दर्शन किए।

58
ऋषिराज के चाचा ने जगुआर पर उठाया सवाल

ऋषिराज के चाचा हितपाल सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा कि "नए पायलटों को इतनी पुरानी तकनीक वाले फाइटर जेट उड़ाने क्यों दिए जाते हैं?" उन्होंने मांग की कि भविष्य में इस तरह के हादसों से बचने के लिए सेना को तकनीकी अपडेट और सतर्कता बरतनी चाहिए।

68
वायुसेना ने दी ऋषिराज को अंतिम सलामी

शहीद ऋषिराज की पार्थिव देह को गांव खिवांदी (पाली) में अंतिम दर्शन के लिए लाया गया, जहां हजारों लोगों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इससे पहले गांव में तिरंगा यात्रा निकाली गई और 'ऋषिराज अमर रहें' के नारों से माहौल गूंज उठा। वायुसेना के जवानों ने भी ऋषिराज को अंतिम सलामी दी।

78
सेंट्रल मिनिस्टर गजेंद्र शेखावत ने दी श्रद्धांजलि

शाहिद ऋषिराज के अंतिम दर्शन करने के लिए आसपास समेत कई गांव के लोग पहुंचे थे। वहीं श्रद्धांजलि देने के लिए  केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी पहुंचे।

88
ऋषिराज दूल्हा बनने वाले थे

बता दें कि पायलट ऋषिराज जल्द ही दूल्हा बनने वाले थे। उनके माता-पिता इसके लिए लड़की की तलाश करने में लगे थे। पूरा परिवार इस पल का बेसब्री से इंतजार कर रहा था। लेकिन जब घर बेटे का शव पहुंचा तो सारे सपने कांच की तरह टूटकर बिखर गे।

Read more Photos on

Recommended Stories