Jaguar fighter jet crash: राजस्थान के चुरू में Indian Air Force का Jaguar Fighter Aircraft क्रैश हुआ, जिसमें एक फाइटर पायलट की मौत हो गई। 2025 में यह तीसरी Jaguar Crash है। क्या अब बहुत पुराना हो चुका है Jaguar Jet? पढ़ें पूरी रिपोर्ट। 

Jaguar Fighter Jet Crash 2025: राजस्थान के चुरू जिले के भाणोदा गांव में बुधवार दोपहर 1:25 बजे भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) का एक Jaguar Fighter Jet क्रैश हो गया। हादसे में पायलट और को-पायलट की जान चली गई। जबकि एक अन्य व्यक्ति घायल हुआ है। यह विमान एक कृषि क्षेत्र में गिरा जिससे गांव के लोग भी दहशत में आ गए। इस साल के मार्च महीने से अबतक की यह तीसरी Jaguar Jet दुर्घटना है जिसने फिर से इस पुराने एयरक्राफ्ट की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

पहले भी हुए हादसे, अब तक कई जानें जा चुकीं

मार्च 7, 2025 को हरियाणा के अंबाला में एक Jaguar विमान रूटीन sortie के दौरान क्रैश हुआ था जिसमें पायलट समय रहते इजेक्ट कर पाए थे। लेकिन अप्रैल 3 को गुजरात के जामनगर में हुए एक और Jaguar क्रैश में फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव शहीद हो गए। उन्होंने आखिरी वक्त में विमान को आबादी वाले क्षेत्र से दूर ले जाकर कई जिंदगियां बचाईं और अपने साथी पायलट को पहले इजेक्ट कर बचा लिया। अब राजस्थान का ताजा हादसा फिर से उसी कहानी को दोहरा रहा है एक पुराना विमान, तकनीकी खराबी और एक युवा पायलट और को-पायलट की शहादत।

IAF के पास विकल्प नहीं, मजबूरी में उड़ा रहा 'पुराने जमाने' का विमान

Jaguar Fighter Jets को 1979 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। ये दो-इंजन वाले लड़ाकू विमान India’s Nuclear Triad का अहम हिस्सा रहे हैं। लेकिन अब ये पूरी दुनिया से विदा ले चुके हैं। ब्रिटेन, फ्रांस, ओमान, नाइजीरिया जैसे देशों ने इन्हें दशकों पहले रिटायर कर दिया था। IAF आज भी इन्हें उड़ाने के लिए मजबूर है क्योंकि HAL Tejas Mk2, Rafale की नई डील और MRFA (Multi-Role Fighter Aircraft) प्रोजेक्ट में लगातार देरी हो रही है। IAF की अधिकृत ताकत 42.5 स्क्वाड्रन की है लेकिन फिलहाल यह घटकर सिर्फ 30 स्क्वाड्रन तक सिमट चुकी है।

कई जांचों में हुआ खुलासा, इंजन फेल्योर और ओवरएज टेक्नोलॉजी

Jaguar Jets की बीते वर्षों में हुई कई दुर्घटनाओं की जांच में सामने आया कि इनमें से अधिकांश हादसे इंजन फेल्योर के कारण हुए। इन विमानों की तकनीक न सिर्फ पुरानी हो चुकी है बल्कि अब ये वायुसेना के जवानों के लिए जानलेवा भी साबित हो रहे हैं।

कब मिलेगा नया बेड़ा?

हालांकि, IAF की योजना है कि 2027-28 के बाद इन जेट्स को नंबर प्लेटिंग यानी चरणबद्ध रिटायरमेंट की प्रक्रिया शुरू की जाए लेकिन मौजूदा हालात में जब Tejas Mk2 और MRFA जैसी परियोजनाएं समय से काफी पीछे चल रही हैं, तब तक इन बूढ़े जेट्स को ही उड़ाना पड़ेगा।