
जयपुर। राजधानी जयपुर में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। इनमें से कुछ बांग्लादेशियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी योजना के तहत फ्लैट भी आवंटित करवा लिए थे, जिसे बाद में पुलिस ने उजागर किया। इस खुलासे के बाद जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने इन फ्लैट्स का आवंटन रद्द कर दिया है और कब्जा वापस ले लिया है।
पुलिस ने बीते अक्टूबर में भांकरोटा थाना क्षेत्र से 11 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उनकी पहचान और ठिकानों का पता चलने पर पुलिस ने इनकी गतिविधियों पर नजर रखी। 24 नवंबर को बीएसएफ की मदद से इन्हें बांग्लादेश डिपोर्ट किया गया। इस दौरान पुलिस ने इनके रैन बसेरों और अन्य ठिकानों पर भी कार्रवाई की।
जांच में यह सामने आया कि गिरफ्तार किए गए 2 बांग्लादेशी नागरिकों ने जयपुर विकास प्राधिकरण की बीएसयूपी योजना के तहत आवंटित फ्लैट्स को फर्जी दस्तावेजों के सहारे हासिल किया था। इन लोगों ने खुद को भारतीय नागरिक बताकर इन फ्लैट्स का आवंटन करा लिया था। इसके बाद पुलिस ने भांकरोटा थाने में केस दर्ज कर लिया। डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि इस मामले की जांच जारी है और अन्य अवैध गतिविधियों को उजागर करने के लिए पुलिस प्रयासरत है।
जयपुर पुलिस द्वारा उठाए गए इस कदम से यह स्पष्ट हो गया है कि अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जेडीए ने पुलिस द्वारा मिली जानकारी के आधार पर दोनों फ्लैट्स का आवंटन रद्द कर दिया और उन्हें अपने कब्जे में ले लिया। पिछले कुछ वर्षों में जयपुर में इस तरह की यह एक बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
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