
जयपुर. चिकित्सा जगत ने एक अनुभवी और समर्पित कार्डियोलॉजिस्ट (cardiologist doctor) को खो दिया। जयपुर निवासी एवं जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. महला का मंगलवार को निधन हो गया। वे हार्ट स्पेशलिस्ट थे और अपने उपचार से सैकड़ों मरीजों को नया जीवन दे चुके थे। लेकिन दुर्भाग्यवश, वही बीमारी उनके लिए घातक साबित हुई। अचानक बिगड़ी तबीयत, खुद देखी रिपोर्ट डॉ. महला को पिछले शुक्रवार को अचानक सीने में दर्द की शिकायत हुई। अनुभवी डॉक्टर होने के नाते उन्होंने तुरंत अपनी जांचें करवाईं और रिपोर्ट देखकर स्थिति की गंभीरता को समझा। इसके बाद वे अपने साथी कार्डियोलॉजिस्ट के पास पहुंचे, जिन्होंने उन्हें गुरुग्राम स्थित मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती होने की सलाह दी।
मेदांता हॉस्पिटल में जांच के बाद पता चला कि उन्हें एऑटिक डायसेक्शन नामक गंभीर समस्या हुई है, जिसमें हृदय की मुख्य धमनी (एऑर्टा) में प्रेशर के कारण गैप बन जाता है। यह स्थिति जानलेवा हो सकती है और तुरंत सर्जरी की आवश्यकता होती है। डॉक्टरों की टीम ने तुरंत उनका ऑपरेशन किया, लेकिन बाद में स्थिति बिगड़ गई। सोमवार को उन्होंने कुछ देर के लिए आँखें खोलीं, मगर फिर कॉलेप्स हो गए। उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद मंगलवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।
चिकित्सा जगत को बड़ी क्षति डॉ. महला का निधन चिकित्सा जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. अनिल सामरिया ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि "डॉ. महला ने सैकड़ों मरीजों की जान बचाने में अहम योगदान दिया। उनका समर्पण और अनुभव प्रेरणादायक था। उनका जाना चिकित्सा जगत के लिए एक बड़ा नुकसान है।" डॉ. महला की विशेषज्ञता और उनकी सेवाओं को हमेशा याद रखा जाएगा। हार्ट के मरीजों के लिए वे किसी देवदूत से कम नहीं थे, लेकिन दुर्भाग्य से वही बीमारी उनके लिए घातक बन गई।
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