वक्फ संशोधन बिल पर क्या सोच रखते हैं अजमेर दरगाह के खादिम, चौंकाने वाले हैं इनके बयान

Published : Apr 02, 2025, 01:36 PM IST
Wakf Amendment Bill Latest News

सार

Wakf Amendment Bill Latest News : वक्फ संशोधन विधेयक पर अजमेर दरगाह में मतभेद खुलकर सामने आए। गद्दीनशीन समर्थन में, तो खादिम विरोध में। आखिर क्या है इस विवाद की असली वजह?

अजमेर. Wakf Amendment Bill Latest News : केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में आज वक्फ संशोधन विधेयक 2025 (waqf bill controversy) पेश किया गया। इसको लेकर देशभर में मुस्लिम समाज के लोग विरोध भी जता रहे हैं। वहीं राजस्थान के अजमेर दरगाह में आंतरिक मतभेद उभरकर सामने आ गए हैं। दरगाह से जुड़े विभिन्न गुटों में इस विधेयक को लेकर स्पष्ट विभाजन देखा जा रहा है। जहां दरगाह के गद्दीनशीन सलमान चिश्ती और दरगाह दीवान के उत्तराधिकारी सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने विधेयक का समर्थन किया है, वहीं खादिमों की प्रमुख संस्था 'अंजुमन सैयद जादगान' ने इसका कड़ा विरोध किया है।

क्यों अजमेर दरगाह में वक्फ बिल पर दो मत

  • खादिम बनाम गद्दीनशीन विवाद विवाद की शुरुआत सलमान चिश्ती द्वारा 'द हिंदू' में प्रकाशित एक लेख से हुई, जिसमें उन्होंने वक्फ संपत्तियों में सुधार की आवश्यकता जताई थी। इस लेख को केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने भी सराहा और साझा किया। लेकिन, खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान ने इस लेख की आलोचना करते हुए इसे खादिम समुदाय की सामूहिक राय के खिलाफ बताया।
  • अंजुमन के सचिव सरवर चिश्ती ने कहा कि, "सलमान चिश्ती दरगाह के प्रमुख नहीं हैं, बल्कि खादिमों में से एक हैं। उन्होंने खादिमों के नाम का गलत उपयोग किया है और हमारे प्रस्ताव के खिलाफ जाकर विधेयक का समर्थन किया है।"

क्या है वक्फ संशोधन विधेयक और क्यों हो रहा है विरोध?

 वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाना और अतिक्रमण को रोकना है। सरकार का दावा है कि इससे वक्फ बोर्डों की जवाबदेही बढ़ेगी और समुदाय के लोगों को अधिक लाभ मिलेगा। हालांकि, विपक्ष और कई मुस्लिम संगठनों का मानना है कि यह विधेयक वक्फ बोर्डों की स्वायत्तता को प्रभावित करेगा और इसे बिना मुस्लिम समुदाय को विश्वास में लिए लाया गया है।

वक्फ (संशोधन) विधेयक पर राजनीतिक और धार्मिक असर 

अजमेर दरगाह के मतभेद सिर्फ धार्मिक दायरे तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इसका राजनीतिक प्रभाव भी पड़ सकता है। अजमेर शरीफ दरगाह न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिद्ध है, और यहां से उठने वाली आवाजें सामाजिक और राजनीतिक विमर्श को प्रभावित कर सकती हैं।

वक्फ पर अजमेर दरगाह के क्या हैं मायने

वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर अजमेर दरगाह में गहराते मतभेद यह दर्शाते हैं कि यह मुद्दा सिर्फ कानूनी नहीं, बल्कि सामाजिक और धार्मिक रूप से भी संवेदनशील है।

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