
अजमेर. Wakf Amendment Bill Latest News : केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में आज वक्फ संशोधन विधेयक 2025 (waqf bill controversy) पेश किया गया। इसको लेकर देशभर में मुस्लिम समाज के लोग विरोध भी जता रहे हैं। वहीं राजस्थान के अजमेर दरगाह में आंतरिक मतभेद उभरकर सामने आ गए हैं। दरगाह से जुड़े विभिन्न गुटों में इस विधेयक को लेकर स्पष्ट विभाजन देखा जा रहा है। जहां दरगाह के गद्दीनशीन सलमान चिश्ती और दरगाह दीवान के उत्तराधिकारी सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने विधेयक का समर्थन किया है, वहीं खादिमों की प्रमुख संस्था 'अंजुमन सैयद जादगान' ने इसका कड़ा विरोध किया है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाना और अतिक्रमण को रोकना है। सरकार का दावा है कि इससे वक्फ बोर्डों की जवाबदेही बढ़ेगी और समुदाय के लोगों को अधिक लाभ मिलेगा। हालांकि, विपक्ष और कई मुस्लिम संगठनों का मानना है कि यह विधेयक वक्फ बोर्डों की स्वायत्तता को प्रभावित करेगा और इसे बिना मुस्लिम समुदाय को विश्वास में लिए लाया गया है।
अजमेर दरगाह के मतभेद सिर्फ धार्मिक दायरे तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इसका राजनीतिक प्रभाव भी पड़ सकता है। अजमेर शरीफ दरगाह न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिद्ध है, और यहां से उठने वाली आवाजें सामाजिक और राजनीतिक विमर्श को प्रभावित कर सकती हैं।
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर अजमेर दरगाह में गहराते मतभेद यह दर्शाते हैं कि यह मुद्दा सिर्फ कानूनी नहीं, बल्कि सामाजिक और धार्मिक रूप से भी संवेदनशील है।
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