राजस्थान कांग्रेस के नेताओं की दिल्ली दरबार में बैठक: पायलट और CM गहलोत गुट के बीच के विवाद का आ सकता है फैसला

राजस्थान में बीते कांग्रेस के अंदर सीएम गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम पायलट के गुटो के बीच जारी घमासान का थम सकता है। सोमवार के दिन दिल्ली में आलाकमान के बीच प्रदेश कांग्रेस नेताओं की बैठक हो रही है। विधानसभा चुनाव 2023 से पहले यह बैठक अहम मानी जा रही।

Sanjay Chaturvedi | Published : May 29, 2023 11:29 AM IST / Updated: May 29 2023, 05:02 PM IST

जयपुर (jaipur news). साल 2020 में राजस्थान के कांग्रेस पार्टी में अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट के बीच शुरू हुआ विवाद सोमवार, 29 मई के दिन थम सकता है। दरअसल सोमवार को कांग्रेस के आलाकमान यानी राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे राजस्थान कांग्रेस के बड़े नेताओं की दिल्ली में बैठक ले रहे हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि राजस्थान में चुनाव से पहले इस बैठक में अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट की दूरियां मिटाई जा सकती है। इस बैठक में सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों ही शामिल हो रहे है। इसके अलावा राजस्थान के प्रभारी, तीनों सह प्रभारी भी इस बैठक में शामिल होंगे।

राजस्थान कांग्रेस के कई दिग्गज नेता दिल्ली बैठक में हो रहे शामिल

वही राजस्थान के पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, रघु शर्मा और कांग्रेस के कुछ अन्य प्रदेश स्तर के नेता भी इस बैठक में शामिल हो सकते हैं। आपको बता दें कि राजस्थान में सचिन पायलट ने 2020 में पार्टी से बगावत की। इसके बाद से ही लगातार सचिन पायलट और अशोक गहलोत गुट के बीच विवाद चलता आ रहा है।

सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को कहा था निकम्मा

सीएम और पूर्व डिप्टी सीएम के बीच इतना विवाद बढ़ा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तो सचिन पायलट को निकम्मा तक भी कह दिया था। जिसके बाद मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास भी पायलट के समर्थन में आ गए थे। इतना ही नहीं सचिन पायलट के समर्थन में मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने तो अपनी ही सरकार पर आरोप लगाते हुए यह तक कह दिया था कि बिना रिश्वत के कोई काम तक नहीं होता है।

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 से पहले कांग्रेस आलाकमान को सता रहा ये डर

राजनीतिक जानकारों की माने तो सचिन पायलट के साथ लगातार कांग्रेस के प्रदेश के कई नेता और विधायक जुड़ते जा रहे थे। ऐसे में कांग्रेस पार्टी को डर है कि कहीं चुनावी साल में पार्टी में दो धड़े होने से कहीं पार्टी को नुकसान नहीं हो। ऐसे में पार्टी आलाकमान ने यह बैठक बुलाई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि राजस्थान में चुनाव से पहले दोनों गुट के बीच विवाद खत्म करने के लिए पार्टी आलाकमान यह रास्ता निकाल सकती है कि पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद लेकर यह पद सचिन पायलट को सौंपा जा सकता है। जबकि गोविंद सिंह डोटासरा को मुख्यमंत्री का पद दिया जा सकता है।

चुनावी साल में राजस्थान में जाट वोट बैंक को साधना भी कांग्रेस के लिए बेहद जरूरी है। इसके अलावा पायलट समर्थित कई विधायकों को साधने के लिए उन्हें भी संगठन में अहम जिम्मेदारियां दी जा सकती है। हालांकि बैठक पूरी होने के बाद ही स्थिति साफ होगी।

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