जयपुर में सिर्फ 1 लाख कुत्ते: पूरे राजस्थान के आंकड़े चौंका देंगे, पढ़ें डॉग स्ट्रीट Inside Story

Published : Aug 12, 2025, 01:58 PM IST
 stray dogs

सार

Stray Dogs Jaipur: राजस्थान में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़कर 8 लाख से अधिक हो गई है, जिससे डॉग बाइट के 3 लाख से ज्यादा मामले 2024 में दर्ज हुए। बढ़ते खतरे को देखते हुए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने कुत्तों को सड़क से हटाने के आदेश दिए हैं। 

Rajasthan Dog Bite : राजस्थान में आवारा कुत्तों का आतंक अब आम जनजीवन के लिए गंभीर खतरा बन चुका है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, जयपुर में करीब 85,000 से ज्यादा स्ट्रीट डॉग्स हैं, जबकि पूरे प्रदेश में इनकी संख्या 8 लाख से भी अधिक पहुंच चुकी है। डॉग बाइट के बढ़ते मामलों ने न केवल शहरवासियों बल्कि ग्रामीण इलाकों के लोगों को भी डर के साए में जीने पर मजबूर कर दिया है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि राजस्थान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आवारा कुत्तों को पकड़ने और उनकी नसबंदी की प्रक्रिया तेज की जाए।

राजस्थान में साल 2024 में 3 लाख से ज्यादा डॉग बाइट

राजस्थान में साल 2024 में 3 लाख से ज्यादा डॉग बाइट केस दर्ज हुए हैं।  जिनमें बच्चों और बुजुर्गों पर हमले के कई भयावह मामले शामिल हैं। अकेले जयपुर में ही रोज़ाना 17 से 20 डॉग बाइट शिकायतें दर्ज होती हैं। इस साल भी कुत्तों के साथ दूसरे आवारा जानवरों के हमले की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। कुत्तों के बढ़ते खौफ को देखते हुए अब राजस्थान हाईकोर्ट ने जिम्मेदार सरकारी एजेंसियों को सड़कों से आवारा जानवरों को हटाने का आदेश दिया है।

यह भी पढ़ें-आवारा कुत्तों को हटाने के फैसले पर राहुल गांधी का बयान, कहा- ये बेजुबान जीव कोई समस्या…

प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल

 नगर निगम और पशुपालन विभाग के बीच जिम्मेदारी का ठीकरा एक-दूसरे पर फोड़ने का खेल भी जारी है। जयपुर नगर निगम ग्रेटर का दावा है कि डॉग बाइट रोकथाम के लिए बजट का उपयोग हो रहा है और बीमार कुत्तों की पहचान की जा रही है। लेकिन विपक्षी पार्षदों का आरोप है कि टेंडरों में अनियमितता के चलते हालात और बिगड़ गए हैं।

कुत्तों के खौफ में बाहर नहीं निकलते बुजुर्ग और बच्चे

शहर के कई इलाकों में लोग बच्चों को अकेले गली या पार्क में खेलने नहीं भेजते। रात के समय सड़कों पर निकलना खासकर बुजुर्गों और महिलाओं के लिए चुनौती बन चुका है। सोशल मीडिया पर भी आए दिन आवारा कुत्तों के हमलों के वीडियो वायरल हो रहे हैं, जो प्रशासन की नाकामी उजागर करते हैं।

डॉग बाइट के बाद क्या करना चाहिए?

  • विशेषज्ञों की राय स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि डॉग बाइट के बाद समय पर एंटी-रेबीज वैक्सीन और सीरम उपलब्ध होना जरूरी है, लेकिन इससे ज्यादा जरूरी है स्रोत पर नियंत्रण यानी सड़कों से आवारा कुत्तों की संख्या कम करना।
  • आगे की राह कोर्ट के आदेशों के बाद उम्मीद है कि नगर निगम, पशुपालन विभाग और स्वास्थ्य विभाग मिलकर एक समन्वित योजना बनाएंगे। लेकिन जब तक ये योजना धरातल पर असर नहीं दिखाती, तब तक राजस्थान के लाखों लोग हर रोज़ इस ‘सड़क के आतंक’ के साए में जीने को मजबूर रहेंगे।

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