
Rajasthan Dog Bite : राजस्थान में आवारा कुत्तों का आतंक अब आम जनजीवन के लिए गंभीर खतरा बन चुका है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, जयपुर में करीब 85,000 से ज्यादा स्ट्रीट डॉग्स हैं, जबकि पूरे प्रदेश में इनकी संख्या 8 लाख से भी अधिक पहुंच चुकी है। डॉग बाइट के बढ़ते मामलों ने न केवल शहरवासियों बल्कि ग्रामीण इलाकों के लोगों को भी डर के साए में जीने पर मजबूर कर दिया है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि राजस्थान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आवारा कुत्तों को पकड़ने और उनकी नसबंदी की प्रक्रिया तेज की जाए।
राजस्थान में साल 2024 में 3 लाख से ज्यादा डॉग बाइट केस दर्ज हुए हैं। जिनमें बच्चों और बुजुर्गों पर हमले के कई भयावह मामले शामिल हैं। अकेले जयपुर में ही रोज़ाना 17 से 20 डॉग बाइट शिकायतें दर्ज होती हैं। इस साल भी कुत्तों के साथ दूसरे आवारा जानवरों के हमले की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। कुत्तों के बढ़ते खौफ को देखते हुए अब राजस्थान हाईकोर्ट ने जिम्मेदार सरकारी एजेंसियों को सड़कों से आवारा जानवरों को हटाने का आदेश दिया है।
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नगर निगम और पशुपालन विभाग के बीच जिम्मेदारी का ठीकरा एक-दूसरे पर फोड़ने का खेल भी जारी है। जयपुर नगर निगम ग्रेटर का दावा है कि डॉग बाइट रोकथाम के लिए बजट का उपयोग हो रहा है और बीमार कुत्तों की पहचान की जा रही है। लेकिन विपक्षी पार्षदों का आरोप है कि टेंडरों में अनियमितता के चलते हालात और बिगड़ गए हैं।
शहर के कई इलाकों में लोग बच्चों को अकेले गली या पार्क में खेलने नहीं भेजते। रात के समय सड़कों पर निकलना खासकर बुजुर्गों और महिलाओं के लिए चुनौती बन चुका है। सोशल मीडिया पर भी आए दिन आवारा कुत्तों के हमलों के वीडियो वायरल हो रहे हैं, जो प्रशासन की नाकामी उजागर करते हैं।
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