
Rajasthan News : बेटियों के अस्तित्व पर एक बार फिर मानवता शर्मसार हुई है। राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर में गर्भ में पल रही बेटियों की पहचान कर हत्या की साजिश रचने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। हरियाणा की पीसीपीएनडीटी सेल ने सीक्रेट तरीके से छापेमारी कर इस गिरोह के सदस्यों को रंगेहाथ पकड़ा है। सेल के नोडल अधिकारी डॉ. विजय यादव ने बताया कि यह गिरोह पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन की मदद से अवैध भ्रूण लिंग जांच कर रहा था। इसके लिए वह महिलाओं से 30 हजार से 50 हजार रुपए तक वसूलते थे। हमने सूचना के आधार पर एक महिला को ग्राहक बनाकर जाल बिछाया और टीम नारनौल के बदोपर गांव पहुंची, जहां लिंग परीक्षण के लिए 50 हजार रुपये में सौदा तय हुआ।
जांच में सामने आया कि गिरोह का दलाल उमेश, राजकीय अस्पताल में कार्यरत कर्मचारी भरत के संपर्क में था। भरत ने आगे इस धंधे के मास्टरमाइंड रवि सिंह, निवासी भैसावता कलां (झुंझुनूं), को बुलाया। रवि एक पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन लेकर शिमला गांव पहुंचा और उमेश केबल ऑफिस की आड़ में बने एक खंडहर में महिला की जांच की गई।
सेले के अधिकारी ने बताया कि जैसे ही आरोपियों ने 26 हजार रुपये में सौदा तय कर पैसा बांटा, हरियाणा की टीम ने मौके पर दबिश देकर उमेश और भरत को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों की निशानदेही पर सिंघाना थाना पुलिस ने रवि सिंह को उसके फार्महाउस से गिरफ्तार किया। लेकिन आरोपी ने मौके से अल्ट्रासाउंड मशीन को कहीं छिपा दिया था, जिसकी बरामदगी के लिए तलाश जारी है।
इस ऑपरेशन में 13-13 हजार रुपये बरामद किए गए हैं। फरार आरोपी अमित की तलाश भी जारी है। कार्रवाई के बाद झुंझुनूं सीएमएचओ डॉ. छोटेलाल गुर्जर, आरसीएचओ दयानंद जांगिड़ और पीसीपीएनडीटी समन्वयक आनंद कुमार ने संयुक्त रूप से मामले की निगरानी की। PCPNDT एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस अब गिरोह से जुड़े अन्य कड़ियों की जांच कर रही है।
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