
Jaipur News: राजस्थान की पावन धरती से एक बार फिर आस्था का विशाल सैलाब निकला है। राजधानी जयपुर से श्री डिग्गी कल्याण जी की पदयात्रा (Diggi Kalyan Ji Padyatra 2025) की शुरुआत हो चुकी है। हर साल सावन मास में निकलने वाली यह यात्रा न केवल श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि एक अद्भुत सामाजिक और धार्मिक संगम भी है।
60 वर्षों से जारी परंपरा: क्यों खास है डिग्गी यात्रा (Diggi yatra)?
इस यात्रा की शुरुआत करीब 60 साल पहले हुई थी, जब श्रद्धालुओं ने भगवान विष्णु के डिग्गी स्वरूप तक पैदल चलकर पहुंचने का संकल्प लिया था। तब से हर सावन में यह यात्रा लगातार आयोजित होती रही है। इस बार लगभग 6 लाख भक्तों के पहुंचने की संभावना है।
यात्रा 91 किलोमीटर लंबी होती है, जिसमें श्रद्धालु जयपुर से डिग्गी धाम तक पैदल जाते हैं। मार्ग में कीर्तन, भजन, हवन और लंगर का आयोजन होता है। यह न सिर्फ भक्तों की आस्था बल्कि उनके आत्मबल का भी परिचायक बन चुका है।
सावन को शिवभक्ति और विष्णु भक्ति दोनों का महिना माना जाता है। यही कारण है कि डिग्गी कल्याण जी की यात्रा को सावन में शुरू किया जाता है। यह महीना न केवल आस्था बल्कि ऊर्जा, ध्यान और समाजिक एकता का समय भी बन जाता है।
डिग्गी धाम स्थित मंदिर को लेकर कई चमत्कारी मान्यताएं हैं। कहा जाता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। कई भक्तों का दावा है कि उन्होंने यहां अपने जीवन की सबसे कठिन इच्छाओं को भी पूर्ण होते देखा है।
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