
जोधपुर . राजस्थान के जोधपुर में साइबर अपराध का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 85 वर्षीय रिटायर्ड XEN (एक्सिक्यूटिव इंजीनियर) को डिजिटल अरेस्ट (digital arrest) से कैद कर लिया गया। शातिर ठग ने बुजुर्ग को 8 दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखा और इस दौरान उनके बैंक अकाउंट से 60 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए।
पीड़ित बुजुर्ग नेहरू पार्क क्षेत्र के रहने वाले हैं। पुलिस के अनुसार, अपराधी ने फोन कर खुद को सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताया और पीड़ित को विश्वास में ले लिया। ठग ने उन्हें बताया कि उनका नाम एक बड़े वित्तीय घोटाले में आ चुका है और अब उन पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। डर और भ्रम की स्थिति में बुजुर्ग ने ठग की हर बात माननी शुरू कर दी। शातिर अपराधी ने बुजुर्ग को फोन और डिजिटल माध्यमों के जरिए लगातार निगरानी में रखा और उन्हें किसी से संपर्क करने से रोक दिया। 8 दिनों तक बुजुर्ग को पूरी तरह मानसिक दबाव में रखा गया, जिससे वे ठग के बताए बैंक ट्रांसफर और डिजिटल प्रक्रियाओं को फॉलो करने लगे।
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जब परिजनों ने लगातार संपर्क करने की कोशिश की लेकिन बुजुर्ग फोन पर ठीक से बात नहीं कर रहे थे, तो उन्हें शक हुआ। घरवालों ने जब बैंक स्टेटमेंट चेक किया, तो 60 लाख रुपये की संदिग्ध ट्रांजेक्शन का खुलासा हुआ। इसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा।
पीड़ित की शिकायत पर सरदारपुरा थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस साइबर एक्सपर्ट्स की मदद से ठग के बैंक अकाउंट और कॉल ट्रेस कर रही है।
यह डिजिटल अरेस्ट का मामला साइबर अपराध की एक नई और खतरनाक तकनीक को दर्शाता है। कोई भी अज्ञात व्यक्ति अगर फोन पर खुद को सरकारी अधिकारी बताकर बैंक डिटेल्स या पैसे ट्रांसफर करने की बात करे, तो सतर्क रहें और तुरंत पुलिस को सूचित करें।
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