
जयपुर: महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए राजस्थान सरकार ने "कालिका पेट्रोलिंग यूनिट" नामक एक नई पहल की शुरुआत की है। इस यूनिट की तैनाती राज्य के प्रमुख सार्वजनिक स्थानों जैसे कॉलेज, मॉल और धार्मिक स्थलों पर की जाएगी। यूनिट में शामिल महिला पुलिसकर्मी नीली वर्दी, काले हेलमेट और स्कूटर के साथ गश्त करती नजर आएंगी।
राजस्थान की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मालिनी अग्रवाल ने बताया कि प्रारंभिक चरण में कुल 250 पेट्रोलिंग टीमें बनाई गई हैं, जिनमें प्रत्येक टीम में चार महिला पुलिसकर्मी होंगी। भविष्य में इनकी संख्या बढ़ाकर 500 टीमें करने का लक्ष्य रखा गया है। राजधानी जयपुर में 35 यूनिट तैनात की जाएंगी, जबकि राज्य के अन्य जिलों में प्रत्येक में 10-10 यूनिट काम करेंगी।
यह विशेष यूनिट वरिष्ठ महिला पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में काम करेगी। मालिनी अग्रवाल ने बताया कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक स्थलों पर छेड़खानी और अन्य अपराधों पर रोक लगाना है। यूनिट की वर्दी को खास तौर पर डिजाइन किया गया है, ताकि इसे आसानी से पहचाना जा सके। इनके स्कूटर और हेलमेट काले रंग के होंगे, और वर्दी पर पीछे की ओर नियॉन मोनोग्राम होगा।
पेट्रोलिंग यूनिट को एक विशेष पुलिस कंट्रोल रूम और हेल्पलाइन नंबर के साथ जोड़ा जाएगा, ताकि किसी भी आपात स्थिति में लोग तुरंत मदद मांग सकें। यह पहल इस साल जून में राज्य की वित्त मंत्री दीया कुमारी द्वारा बजट सत्र के दौरान घोषित की गई थी। उन्होंने इसे राज्य में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। इसके साथ ही, राज्य सरकार ने निर्भया विशेष महिला दस्ते को मजबूत करने और सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का भी वादा किया है। यह कदम महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने में सहायक सिद्ध होगा और समाज में सकारात्मक बदलाव लाएगा।
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