कोटा में छात्रों के सुसाइड करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। 5 घंटे के दौरान 2 छात्रों ने आत्महत्या कर ली है। अब बढ़ते मामलों को देखते हुए राजस्थान प्रशासन और कोटा कलेक्टर ने सख्त कदम उठाया है। जिसके तहत अब संडे को कोई टेस्ट नहीं होगा।
कोटा (राजस्थान). शिक्षानगरी से मशहूर कोटा अब सुसाइड सिटी बनता जा रहा है । कोटा में 5 घंटे में दो छात्रों के सुसाइड ने पूरे मैनेजमेंट को हिला कर रख दिया है। कोटा जिला के कलेक्टर ओपी बुनकर ने देर रात आदेश निकाले हैं कि अब कोटा में रविवार को छात्रों के टेस्ट नहीं लिए जाएंगे । अधिकतर सुसाइड टेस्ट में नंबर कम आने के कारण होना सामने आ रहा है , यही कारण है कि अब कोटा जिला प्रशासन ने कोटा में कोचिंग संचालकों के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है।
पढ़िए क्या है कोटा कलेक्टर का नया आदेश
कोटा जिला कलेक्टर ओपी बुनकर ने आदेश निकाला है कि अब रविवार के दिन छात्रों को रिलैक्स दिया जाएगा। रविवार के दिन किसी भी तरह की पढ़ाई नहीं होगी और ना ही किसी तरह के टेस्ट होंगे । फिलहाल यह आदेश अगले 2 महीने के लिए निकाल गया है और इस 2 महीने के दौरान यह आदेश अगर सही तरीके से काम करता है तो फिर हर संडे को कोटा कोचिंग संचालक टेस्ट नहीं ले पाएंगे। कलेक्टर ओपी बुनकर ने कहा कि छात्रों पर पढ़ाई का प्रेशर ज्यादा है और यही कारण है कि सुसाइड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
पिछले सप्ताह सीएम ने तगड़ी खींचाई की थी लेकिन नहीं बनी बात
पिछले सप्ताह कोटा में कोचिंग संचालकों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संवाद किया था। कोटा में लगातार हो रहे सुसाइड के कारण मुख्यमंत्री ने कोचिंग संचालकों से बातचीत की थी और उन्हें कहा था कि वह छात्रों को परेशान में आने से बचने के लिए कदम उठाएं। फिर चाहे पढ़ाई के पैटर्न में बदलाव करना हो तो वह भी करें , लेकिन हर बच्चे का जीवन महत्वपूर्ण है। जीवन रहेगा तो बच्चा कैरियर बन पाएगा अगर जीवन ही नहीं रहेगा तो सब खत्म हो जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक ने कोटा जिले में कोचिंग संचालकों की रिपोर्ट कलेक्टर ओपी बुनकर से मांगी थी । लेकिन ना तो यह रिपोर्ट काम आ सकी और ना ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की वह मीटिंग कुछ काम कर सकी ।कोटा में रविवार की शाम 5 घंटे में फिर दो बच्चों ने अपनी जान दे दी । इन दोनों बच्चों की मौत के बाद अब कोटा जिला कलेक्टर ने आदेश जारी कर दिए हैं।
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