राजस्थान के मकराना जिले में एक किसान ने सरकारी स्कूल के भवन निर्माण के लिए 5 बीघा जमीन दान की है। बारिश के दिनों में पुराना स्कूल भवन डूब जाता था, जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित होती थी। किसान का मानना है कि शिक्षा से ही समाज का विकास संभव है।
मकराना. राजस्थान के मकराना जिले में स्थित सूंथली ग्राम पंचायत के किसान प्रभुराम मेघवाल ने राजकीय महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल के भवन निर्माण के लिए 5 बीघा जमीन दान की है। स्कूल का पुराना भवन डूब क्षेत्र में होने के कारण जर्जर हो चुका था और बारिश के दिनों में पानी भर जाने से बच्चों की पढ़ाई बाधित होती थी।
विकास के लिए दान कर दी जमीन
प्रभुराम ने जमीन दान करते हुए कहा कि शिक्षा के माध्यम से ही समाज और गांव का विकास संभव है। उन्हें इस बात का बहुत दुख होता था कि हर साल बारिश में बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है। उन्होंने कहा कि सरकार को स्कूल के लिए जमीन दान कर उन्हें बहुत सुकून मिला है।
स्कूल में पढ़ेंगे 250 स्टूडेंट
नायब तहसीलदार बाबूलाल चौहान, शिक्षक हनुमान लाल वैष्णव और ग्रामीणों ने प्रभुराम की इस पहल की सराहना की है। उन्होंने कहा कि प्रभुराम का यह कार्य समाज के लिए अनुकरणीय है। स्कूल में वर्तमान में 250 से अधिक विद्यार्थी अंग्रेजी माध्यम की गुणवत्तापरक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इस अवसर पर पूर्व सरपंच भवानी सिंह सहित कई अन्य लोग भी मौजूद थे। प्रभुराम के इस नेक काम से गांव में खुशी का माहौल है।
गाय के चरने के लिए 170 बीघा जमीन दान
आपको बतादें कि इसी महीने राजस्थाान के बाड़मेर जिले में रहने वाले दो भाइयों ने गायों के चरने के लिए 170 बीघा जमीन दान कर दी है। इस जमीन के चारों तरफ बाउंड्री भी बनी हुई है और यह जमीन सरकार को गोचर के लिए दे दी गई है। इसके दस्तावेज भी सौंप दिए गए हैं ।
करोड़ों की जमीन कर दी दान
जहां आज के समय में जमीनों के दाम आसमान छू रहे हैं। एक दो बीघा की कीमत ही करोड़ों रुपए में आंकी जा रही है। वहीं कुछ लोग सिर्फ गांव के बच्चों और क्षेत्र के विकास के लिए करोड़ों रुपए की जमीन दान कर रहे हैं। ऐसे में इसे दान नहीं महादान समझा जा रहा है।
यह भी पढ़ें : समोसे बेचकर NEET क्रैक: नोएडा के लड़के की प्रेरणादायक कहानी