
जयपुर. राजस्थान में पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों (विस्थापितों) को लेकर सरकार द्वारा कुछ विशेष सुविधाएं और व्यवस्थाएं की जाती हैं। यह विस्थापित खासकर पाकिस्तान के सिंध प्रांत से धार्मिक उत्पीड़न के चलते भारत आते हैं। नीचे उनके रहन-सहन, रोजगार और सरकारी सुविधाओं की जानकारी दी गई है:
कितने लोग रहते हैं? राजस्थान में करीब 1.2 लाख से अधिक पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थी रह रहे हैं। इनमें जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर और जयपुर जैसे जिलों में इनकी बड़ी संख्या है। अकेले जोधपुर में ही 25,000 से ज्यादा शरणार्थी परिवार बसे हुए हैं।
शरणार्थी ज्यादातर जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर और जयपुर में रहते हैं। ये लोग शिविरों या बस्तियों में रहते हैं, जैसे जोधपुर की "कुंडा", "आंगणवा", "सूरसागर", "राजीव गांधी कॉलोनी" आदि। कई लोग झुग्गी-झोपड़ी में रहते हैं लेकिन कुछ को पट्टे देकर जमीन भी दी गई है।
क्या काम करते हैं पाकिस्तानी?
ज्यादातर लोग दिहाड़ी मजदूरी, बढ़ई का काम, राजमिस्त्री, किराना या चाय की दुकानें जैसे छोटे-मोटे व्यवसाय करते हैं। महिलाएं सिलाई-बुनाई और घरेलू कामकाज में संलग्न रहती हैं। युवाओं में कुछ ने सिविल सर्विसेज, आर्मी, प्राइवेट जॉब्स में भी जगह बनाई है।
लॉन्ग टर्म वीज़ा (LTV): भारत सरकार इन्हें लंबी अवधि का वीजा देती है जिससे ये भारत में रह सकते हैं। नागरिकता प्रक्रिया: जो लोग 7 साल से अधिक समय से भारत में हैं, उन्हें नागरिकता के लिए आवेदन का अधिकार है। केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत प्रक्रिया को सरल बना रही है। आवास के लिए पट्टे: कुछ लोगों को सरकारी ज़मीनों पर कब्जा और पट्टे दिए गए हैं। मुफ्त शिक्षा: बच्चों को सरकारी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा और मिड डे मील की सुविधा दी जाती है। स्वास्थ्य सेवाएं: सामान्य सरकारी अस्पतालों से इलाज की सुविधा मिलती है। राशन कार्ड और आधार: नागरिकता मिलने के बाद आधार, पैन और राशन कार्ड जारी किए जाते हैं।
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