कोटा (राजस्थान). कोटा शहर के आसपास स्थित वाटर बॉडीज में मगरमच्छों की बड़ी संख्या होने के बावजूद हाल ही में तीन मगरमच्छों की मृत अवस्था में मिलने की घटनाओं ने वन्यजीवों के संरक्षण को लेकर चिंता बढ़ा दी है। शनिवार और रविवार को तीन मगरमच्छ मृत अवस्था में पाए गए, जिनमें से एक रायपुर इलाके के नाले में और दो चंद्रसेल मठ के पास चंद्रलोई नदी में मिले।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इन तीनों मगरमच्छों की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कोटा टेरिटोरियल वन विभाग के कार्यवाहक एसीएफ संजय नागर ने बताया कि मौके पर टीम को भेजा गया था और इन मृत मगरमच्छों को नदी से बाहर निकालकर देवली अरब रोड स्थित नर्सरी पर भेजा गया, जहां उनका मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम किया जाएगा। टीम के सदस्य वीरेंद्र सिंह हाडा ने बताया कि रविवार को मिले दो मगरमच्छों की लंबाई 10 से 11 फीट थी और उन्हें बाहर निकालने में कड़ी मेहनत करनी पड़ी।
शनिवार को रायपुर नाले में मिले मगरमच्छ का पोस्टमार्टम लाडपुरा रेंज के अधिकारियों और बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय के उपनिदेशक डॉ. अखिलेश कुमार पांडे ने किया। यह मगरमच्छ लगभग 60 साल पुराना था, जिसकी लंबाई 10.5 फीट और वजन 150 किलो था। डॉ. पांडे ने बताया कि मगरमच्छ के शरीर पर कई घाव थे और पेट में पत्थर और कांच के टुकड़े मिले हैं, जिससे यह प्रतीत होता है कि शायद उसने ये खा लिए थे । उनकी मौत मल्टी ऑर्गन फैलियर के कारण होने की संभावना जताई जा रही है। वन विभाग अब इन मौतों की पूरी जांच कर रहा है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके और मगरमच्छों के संरक्षण के लिए उचित कदम उठाए जा सकें।
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