
नागौर. राजस्थान के नागौर जिले के सेखासनी गांव में हाल ही में एक अनोखा और ऐतिहासिक मायरा देखने को मिला, जिसने पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना दिया। यहां तुलछाराम और रामलाल फड़ौदा बेदावड़ी वालों ने अपनी बहन के ससुराल में 13 करोड़ 71 लाख रुपये का मायरा भरकर परंपरा और भाई-बहन के रिश्ते की अनूठी मिसाल पेश की।
राजस्थान की सांस्कृतिक परंपराओं में मायरे का विशेष महत्व है, लेकिन इस बार यह मायरा अपनी भव्यता के कारण इतिहास में दर्ज हो गया। मायरे में एक ट्रैक्टर, बोलेरो गाड़ी, 5 किलो चांदी, 1.6 किलो सोना, 6 प्लॉट, 80 बीघा जमीन और 1.31 करोड़ रुपये नगद दिए गए। इसके अलावा, गांव की गौशाला में एक बड़े हॉल के निर्माण का संकल्प भी लिया गया।
यह पहली बार नहीं है जब नागौर जिले में इतना भव्य मायरा भरा गया हो। इससे पहले ढींगसरा गांव के मेहरिया परिवार ने भी अपनी बहन भंवरी देवी के यहां 8 करोड़ 1 लाख रुपये का मायरा भरा था। इस मायरे में भी जमीन, गाड़ियां और भारी मात्रा में सोने-चांदी के गहने दिए गए थे।
राजस्थान में मायरा सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि भाई-बहन के प्रेम और सामर्थ्य का प्रतीक है। शादी में बहन के ससुराल को सहयोग देने के लिए मायरा भरने की यह परंपरा सालों से चली आ रही है। लेकिन समय के साथ मायरे का स्वरूप भी भव्य होता जा रहा है।
सेखासनी गांव का यह मायरा अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। लोगों ने इस भव्य आयोजन के वीडियो और तस्वीरें शेयर की, जो तेजी से चर्चा का विषय बन गईं। इस ऐतिहासिक मायरे ने राजस्थान की संस्कृति और परंपरा को फिर से सुर्खियों में ला दिया है, जहां भाई अपने प्रेम और जिम्मेदारी को निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ते।
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