
नागौर. राजस्थान में होने वाली शाही शादियां ही यहां की पहचान नहीं, बल्कि शादियों में भरा जाने वाला मायरा भी हमेशा चर्चा का विषय बना रहता है, क्योंकि जितना शादी का खर्च नहीं होता उससे कई गुना का मायरा ही भर दिया जाता है। ऐसा ही एक मायरा भरा है, राजस्थान के नागौर जिले के जारोड़ा गांव में। सबसे ताज्जुब की बात यह है कि मेरे को भरने वाला भाई दिव्यांग है कुल ग्राम जिसने अपनी बहन को मारे नहीं बेशकीमती जमीन भी दे दी है।
मामा ने ढाई करोड़ से भरा भांजे-भाजियों की शादी में मायरा
दरअसल जारोड़ा के रहने वाले रामकिशन मुंडेल की तीन बेटी और दो बेटों की शादी थी। ऐसे में मामा लखाराम ने अपनी इकलौती बहन के सभी बेटे बेटियों की शादी में करीब 5 लाख नगदी, लाखों रुपए के सोने-चांदी के जेवरात और इसके अलावा करीब 2.50 करोड रुपए की जमीन अपनी बहन पुनी को मायरे में दी है। मामा ने जो 52 बीघा जमीन बहन को दी है वह इतनी होती है कि उसमें 25 मजदूर-किसान परिवार जिंदगी भर पल जाएं।
किसान मामा ने कहा था-ऐसा मायरा भरूंगा कि लोग देखते रह जाएंगे
आपको बता दें कि पुनी का भाई लखाराम एक पेशेवर किसान है। जिसके इकलौती बहन है। ऐसे में उसने तय किया कि उसके घर जब भी मायरा लेकर जाऊंगा तो इस तरह का लेकर जाऊंगा कि सभी लोग उसे देखते ही रह जाए। ऐसे में लखाराम ने यह मायरा भरा। लखाराम का कहना है कि आज वह जो भी है अपनी बहन के आशीर्वाद से है ऐसे में उसने अपनी बहन के यह शानदार मायरा भरा है।
राजस्थान में करोड़ों रुपए से भरा जाता है मायरा
आपको बता दें कि मायरे का मतलब राजस्थान में होता है कि जब भी किसी महिला के बेटे या बेटी की शादी होती है तो उसके भाई और पीहर वाले उपहार के तौर पर उसके लिए कपड़े जेवरात आदि सामान लेकर आते हैं इसे ही मायरा कहा जाता है। राजस्थान में इसके पहले भी नागौर और उसके आसपास के कई इलाकों में लोग अपनी बहनों के घर करोड़ों रुपए का मायरा भर चुके हैं।
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